बंगाल के पंचायत चुनाव में ममता की पार्टी का परचम, 18605 सीटें जीतीं

बंगाल में पंचायत चुनाव के नतीजों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए भाजपा की उम्मीदों को झटका दिया देते हुए बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा दूसरे, माकपा तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर परे रही है। मतों की गणना अभी जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इतनी बड़ी जीत देने के लिए बंगाल की जनता का आभार जताया है।

टीएमसी ने ग्रामीण स्थानीय सरकार के तीनों स्तरों पर बड़ी जीत हासिल की है। पश्चिम बंगाल में 63 हजार 229 ग्राम पंचायत, 9730 पंचायत समिति और 928 जिला परिषद की सीटों पर चुनाव हुए थे। वोटों की गिनती मंगलवार सुबह शुरू हुई थी।

बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे तक ग्राम पंचायत की 18605 सीटों पर टीएमसी के प्रत्याशियों की जीत हुई थी जबकि पार्टी 8768 सीटों पर आगे चल रही थी। वहीं, भाजपा के 4449 प्रत्याशियों को जीत मिली है जबकि पार्टी के 2566 उम्मीदवार अलग-अलग सीटों पर आगे चल रहे हैं। ग्राम पंचायत की 1424 सीटों पर सीपीएम प्रत्याशियों जबकि 1073 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत मिली है। ग्राम पंचायत की 1615 सीटों पर अन्य को भी जीत मिली है।

पंचायत समिति की 9730 सीटों में से 58 पर टीएमसी प्रत्याशियों को जीत मिली है जबकि पार्टी 76 सीटों पर आगे है। वहीं भाजपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई है, हालांकि पार्टी के प्रत्याशी 8 सीटों पर आगे हैं। वहीं सीपीएम, कांग्रेस और अन्य का भी फिलहाल खाता नहीं खुला है।

जिला परिषद की 928 सीटों में से 18 पर टीएमसी को जीत मिली है जबकि पार्टी 65 सीटों पर आगे है। वहीं भाजपा, सीपीएम, कांग्रेस और अन्य का खाता नहीं खुला है। सिर्फ सीपीएम एक सीट पर आगे है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ग्रामीण बंगाल में हर तरह से टीएमसी है। मैं लोगों को टीएमसी के प्रति उनके प्यार, स्नेह और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि केवल टीएमसी ही राज्य के लोगों के दिल में बसती है।

बता दें कि शनिवार और सोमवार को हुए मतदान के दौरान कई बूथों पर हिंसा हुई थी, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। शनिवार को मतपेटी से छेड़छाड़ के आरोपों के बाद सोमवार को 696 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ था। उधर, मतगणना के दौरान मंगलवार को मुर्शिदाबाद में एक काउंटिंग सेंटर के पास धमाका हुआ था। विस्फोटक विस्फोट किया गया, जबकि हावड़ा में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी थी।

उधर विपक्षी भाजपा ने तृणमूल पर विपक्षी पर्यवेक्षकों को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से रोककर वोट लूटने का आरोप लगाया। वहीं, तृणमूल ने दावा किया है कि चुनावी हिंसा में मारे गए 60 प्रतिशत लोग या तो उनके कार्यकर्ता या समर्थक थे।