मध्य प्रदेश में सोमवार को प्रस्तावित फ्लोर टेस्ट से पहले एक बहुत दिलचस्प घटनाक्रम में रविवार की शाम भोपाल में जयपुर से भोपाल लौटे कांग्रेस के ७४ विधायकों का कोरोना वायरस टेस्ट किया जा रहा है। ऐसा ही टेस्ट करवाने के लिए कांग्रेस के बेंगलुरु में रुके बागी और हरियाणा के मानेसर में रुके भाजपा के विधायकों को भी कहा जा सकता है। इससे कल होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यह हो भी पायेगा या नहीं।
जानकारी के मुताबिक जयपुर से लौटे सभी ७४ कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों का कोरोना का टेस्ट किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ विधायकों ने खांसी-जुकाम की शिकायत की थी। यह विधायक भोपाल के एक होटल में रुके हुए हैं।
गौरतलब है कि राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को विधानसभा पटल पर कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है। लेकिन कोरोना के टेस्ट की घटना के बाद मामला बहुत दिलचस्प हो गया है। यदि एक भी विधायक में कहीं कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो कल होने वाले फ्लोर टेस्ट के टलने का खतरा पैदा हो सकता है। चूँकि सभी विधायक साथ रहे हैं, यह एक गंभीर मसला बन जाएगा।
इसका एक बड़ा कारण यह है कि कोरोना के टेस्ट्स की रिपोर्ट आने में समय लगता है। ऐसे में यदि एक भी विधायक में कहीं कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो कमोवेश सभी विधायकों को आईसोलेशन में भेजना पड़ सकता है।
इस बीच शाम ७ बजे कांग्रेस विद्यायक दल की बैठक बुलाई गयी है। सीएम आवास पर यह होगी बैठक। अभी कांग्रेस के जो बागी विधायक बेंगलुरु में हैं, वे कब भोप्ला के लिए रवाना होंगे, इसकी कोइ खबर नहीं है। भाजपा के विधायक भी मानेसर से अभी भोपाल नहीं आये हैं। दूसरे अब यह संभावना बन रही है कि न विधायकों को भी कोरोना का टेस्ट करवाने के लिए कहा जा सकता है।