कोरोना का कहर: हवाई ही नहीं, पानी और सड़क के रास्तों पर भी पाबंदी

700 से ज्यादा जहाज और 25 हजार क्रू सदस्यों को बंदरगाहों पर रोका

कोरोना वायरस का कहर इस तरह कायम है कि सिर्फ अंतराष्ट्रीय हवाई सफर ही नहीं, बल्कि पानी वाले जहाज के रास्ते भी इसके फैलने की आशंका बरकरार है। पहले ही दो जहाजों में इसके मामले सामने आने के बाद बंदरगाहों में भी दहशत है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार कई एहतियाती कदम उठा रही है। देश के सभी एयरपोर्टों पर स्क्रीनिंग समेत तमाम जरूरी कदम उठाए जा रह हैं, इसके अलावा बंदरगाहों पर भी अलर्ट है।
 13 मार्च तक भारतीय बंदरगाहों पर 7 हजार से अधिक जहाज रोके गए और उनके चालक दल के 25 हजार से ज्यादा सदस्यों को उतरने नहीं दिया गया। इसके अलावा देश से सटी पड़ोसी देशों की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। इससे बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, चीन पाकिस्तान से सड़क के रास्ते आवाजाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
अधिकतर पानी वाले जहाज चीन या कोरोना वायरस से प्रभावित दूसरे देशों से होकर लौटे थे। जहाज, चालक दल के सदस्यों और यात्रियों के भारतीय तटों पर उतरने को लेकर 31 मार्च तक रोक लगा दी है। देश के प्रमुख बंदरगाहों पर यह प्रतिबंध 1 फरवरी 2020 के बाद कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की यात्रा करने वालों पर अब भी लागू है।
चीन समेत दुनियाभर के कई देशों के साथ-साथ भारत में भी फैल रहे कोरोना वायरस के एहतियात बरती जा रही है। कोच्चि एयरपोर्ट पर दुबई की फ्लाइट में कोरोना वायरस के लिए एक शख्स पॉजिटिव पाया गया। इस फ्लाइट से करीब 289 लोगों को उड़ान भरने से पहले ही उतार दिया गया। उस फ्लाइट में सवार एक ब्रिटिश नागरिक कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया था।
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार, जहाजों पर सवार सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को स्कैन किया जा रहा है और उन तक हर जरूरी सुविधा पहुंचाई जा रही है। सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है और अगर कोई बीमार या किसी को बुखार है तो उन्हें जरूरी मदद मुहैया कराई जा रही है।
भारत में कुल 12 बड़े बंदरगाह हैं- दीनदयाल (पहले कांडला नाम था), मुंबई, जेएनपीटी,मार्मागुआ, न्यू मेंगलुरु, कोच्चि, चेन्नई, कामराजार (पहले इन्नोर नाम था), वी. ओ. चिदम्बरनार, विशाखापट्टनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया समेत)। इनके अलावा भारत में 200 छोटे-छोटे बंदरगाह हैं जो राज्यों के नियंत्रण में हैं।