उत्तर प्रदेश के सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को शुक्रवार हिरासत में ले लिया गया। प्रियंका ने उन्हें रोकने आई पुलिस से उन्हें रोकने के कानूनी कागज़ दिखाने को कहा लेकिन इनमें से एक पुलिसवाले ने कहा कि ”उन्हें ऊपर से फोन पर आदेश मिले हैं”। इस घटना के बाद राजनीतिक बबाल खड़ा हो गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता को उनके काफिले के साथ रोका। इस पर प्रियंका ने कहा कि यहाँ धारा १४४ नहीं है। वे काफिले के साथ नहीं जा रहीं बल्कि ४ लोगों के साथ हत्याकांड के शिकार लोगों के परिजनों का दुःख बांटने जा रही हैं। प्रियंका के काफिले को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोका गया।
याद रहे बुधवार को सोनभद्र के मूर्तिया गांव में जमीन विवाद पर १० लोगों की हत्या कर दी गई थी और २८ घायल हो गए थे। ख़बरों के मुताबिक मूर्तिया के बाहरी इलाके में सैकड़ों बीघा खेत है, जिस पर कुछ ग्रामीण पुश्तैनी तौर पर खेती करते आ रहे हैं। अब गाँव के प्रधान पर मामला दर्ज किया गया है।
जमीन विवाद में सोनभद्र में १० लोगों की हत्या के बाद प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए वहां जा रही थीं। सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने पर नारायणपुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा – ”हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं। मैं तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ चार लोग होंगे। फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया है उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया है। जानकारी के मुताबिक एसडीएम की गाड़ी में प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस लाया गया है। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता वहां जमे हैं और उन्होंने सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए हैं। एक कांग्रेस नेता ने कहा कि वे (कांग्रेस) झुकेंगे नहीं।
इससे पहले सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका गांधी ने पुलिस के पास रोके जाने का ऑर्डर नहीं होने की दलील दी। प्रियंका गांधी को मिर्जापुर के करीब नारायणपुर में रोका गया तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं। प्रियंका ने पूछा कि उन्हें किस आदेश के तहत रोका गया है। पुलिस की इस कार्रवाई से पहले प्रियंका वाराणसी के ट्रामा सेंटर में सोनभद्र की घटना में घायलों से मिलीं। उन्हें सोनभद्र हत्याकांड के घायलों के परिजनों ने आपबीती सुनाई।