भले ही दिल्ली सरकार प्रदूषण के विरूद्ध युद्ध अभियान चलाये हो , पर धरातल में इस अभियान पर किसी का कोई ध्यान नहीं है, जिसके कारण प्रदूषण का कहर लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली में आलम ये है कि जहां- तहां पुराने वाहन सारे यातायात के नियमों की धज्जियों को तोड़ते हुये धुआं छोड़ते हुये धुआंधार तरीके से अपने वाहनों से निकल रहे है।
सबसे गंभीर बात तो ये है कि दिल्ली में लोगों की शरारत कहें या अराजकता जो कूड़े में आग लगाने से नहीं बच रहे है। तहलका संवाददाता को दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदूषण के विरूद्ध अभियान में सरकार को अगर कोई पलीता लगा रहा है तो प्रदूषण विभाग और यातायात पुलिस जो कार्रवाई के नाम पर कोई एकाध का ही चालान काट रही है। जबकि सच्चाई तो ये है, अगर सख्ती से पालन करें तो ना तो पुराने वाहन ना निकल पायेगें और ना ही प्रदूषण फैल पायेगा ।जो लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।एमसीडी के कर्मचारी रामप्रसाद का कहना है कि हर साल प्रदूषण को लेकर निर्माणाधीन मकानों का काम धूल –धक्कड़ को रोकने के लिये रोक दिया जाता था । पर इस साल अभी तक काम पर रोक नहीं लगी है जो प्रदूषण को बढ़ावे में अहम् भूमिका निभाता है।क्योंकि दिल्ली में आज भी धड़ल्ले से कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। जो डस्ट और गंदगी भी फैला रहा है।