प्रणब मुखर्जी के पूर्व सांसद बेटे ने पिता की पुस्तक ‘द प्रेजिडेंशियल इयर्स’ का प्रकाशन रोकने को कहा

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने मंगलवार को अपने दिवंगत पिता की पुस्तक ‘द प्रेजिडेंशियल इयर्स’ किताब के प्रकाशन को रोकने के लिए कहा है। खुद अभिजीत ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी है। दिवंगत राष्ट्रपति के बेटे ने कहा कि हाल में पुस्तक की प्रोमोशन के लिए जारी किये गए अंश ‘मोटिवेटिड’ थे और कि उनके पिता ने इनके लिए मंजूरी नहीं दी होगी।

अभिजीत ने बताया कि उन्होंने पुस्तक के प्रकाशक ग्रुप रूपा बुक्स से इसके प्रकाशन को रोकने के लिए कहा है। अभिजीत मुखर्जी ने पिता के संस्मरण ‘द प्रेजिडेंशियल इयर्स’ के प्रकाशन को लेकर आपत्ति जताई और इसपर कुछ वक्त के लिए रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने पब्लिकेशन हाउस को टैग कर एक साथ कई ट्वीट करके इस किताब को पहले पढ़ने का आग्रह किया और फिर ही इसे प्रकाशित किए जाने की मांग की।

एक अन्य ट्वीट में अभिजीत ने लिखा – ‘उनका पुत्र होने के नाते मैं आपसे मेरी लिखित अनुमति के बिना इसका प्रकाशन तुरंत रोकने का अनुरोध करता हूं, जब तक मैं इसकी सामग्री को पढ़ न लूं। इस संदर्भ में मैंने एक विस्तृत पत्र आपको प्रेषित किया है, जो जल्द ही आपको मिल जाएगा। सादर – अभिजीत मुखर्जी’। बता दें हाल में इस पुस्तक के कुछ अंश जारी किये गए थे जिसमें कहा गया है कि ‘सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह 2014 में कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेवार थे’।

ट्वीट में अभिजीत ने लिखा कि ‘संस्मरण का प्रकाशन रोक दिया जाए, और उन हिस्सों का भी, जो पहल ही चुनिंदा मीडिया प्लेटफॉर्मों पर मेरी लिखित अनुमति के बिना चल रहे हैं। चूंकि मेरे पिता अब नहीं रहे हैं, मैं उनका पुत्र होने के नाते पुस्तक के प्रकाशन से पहले उसकी फाइनल प्रति की सामग्री को पढ़ना चाहता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि यदि मेरे पिता जीवित होते, तो उन्होंने भी यही किया होता।’

मुखर्जी के संस्मरणों की यह पुस्तक जनवरी, 2021 में प्रकाशित होने की बात कही गयी है। कांग्रेस ने हाल में जारी किये गए पुस्तक के अंशों पर बिना पढ़े कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया था। अभिजीत ने अब आज अपने ट्वीट में प्रकाशक कपीश मेहरा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आपसे अनुरोध है कि जब तक मैं इसकी सामग्री को मंजूरी न दूं और लिखित में अपनी सहमति न दूं तब तक आप इसका प्रकाशन रोक दीजिए।’

प्रणब मुखर्जी के बेटे का एक ट्वीट –
Abhijit Mukherjee
@ABHIJIT_LS
Since my father is no more , I being his son want to go through the contents of the final copy of the book before it’s publication as I believe , had my father been alive today , he too would have done the same.