पूर्व राष्ट्रपति और देश की राजनीति की एक अज़ीम हस्ती भारत रत्न प्रणब मुखर्जी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका सोमवार को सेना के अस्पताल में निधन हो गया था, जहाँ वे करीब 20 दिन से इलाज के लिए भर्ती थे। उनकी हालत दिन प्रतिदिन खराब होती गयी। आज उनके आवास पर देश के तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रणब दा का अंतिम संस्कार लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में तमाम नियमों का पालन करते हुए करीब 2 बजे हुआ। इस अवसर पर उनके कई निकट परिजन और परिवार के करीबी उपस्थित थे। मुखर्जी (84) को इससे पहले गार्ड आफ ऑनर से सैन्य विदाई दी गयी। उनकी इसी महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी जबकि वो कोरोनावायरस से भी पीड़ित पाए गए थे।
उनके निधन के बाद केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने सात दिनों के आधिकारिक शोक दिवस की घोषणा की है। बांग्लादेश सरकार ने भी एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। प्रणब मुखर्जी के पार्थिव शरीर को आज सुबह 10 राजाजी मार्ग, दिल्ली स्थित उनके आावास पर लाया गया जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम बड़ी हस्तियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर अंतिम संस्कार के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को गन कैरिज के बजाय हर्स वैन यानी शव वाहन में ले जाने की बात कही थी। अंतिम संस्कार लोधी रोड के शवदाहगृह पर किया गया। उनके सम्मान में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को देशभर में नियमित रूप से जिन भवनों पर फहराया जाता है, वहां इसे आधा झुकाकर रखा जाएगा और कहीं भी आधिकारिक तौर पर कोई जश्न का कार्यक्रम नहीं होगा।