संसद के मानसून सत्र को शुरू हुए वीरवार को तीसरा दिन था। पेगासस जासूसी विवाद को लेकर पहले के दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके थे। अब जब दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा हुआ। बहस शुरू होने से पहले ही टीएमसी सांसद पर आरोप लगा कि उन्होंने मंत्री से पेगासस जासूसी मामले में जवाब देने के लिए रखे पर्चे को लेकर फाड़ दिया। इसके बाद बवाल और बढ़ गया। पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप मढ़े। कुल मिलाकर संसद के दोनों संदनों में खास काम नहीं हो सका। वहीं कांग्रेसी सांसदों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन भी जारी है। लोकसभा की एक भी बैठक अब तक नहीं हो पाई है।
केंद्र सरकार राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ कथित दुव्यर्वहार मामले में सभापति के समक्ष टीएमसी सांसद शांतनु सेन के निलंबन का प्रस्ताव रख सकती है। राज्यसभा में हंगामे के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी व टीएमसी सांसद शांतनु सेन में तकरार हुई। सांसद सेन का आरोप है कि उसी दौरान पुरी ने उन्हें अपशब्द कहे।
इतना ही नहीं, सांसद शांतनु सेन ने यह आरोप भी लगाया कि पुरी उन पर शारीरिक हमला करने वाले थे, लेकिन मुझे मेरे सहयोगियों ने बचा लिया।
शांतनु सेन ने वीरवार को राज्यसभा में सूचना प्रसारण एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा जासूसी कांड को लेकर बयान दिए जाते वक्त उनके हाथ से दस्तावेज छीनकर फाड़ दिए थे। इसके बाद सेन व पुरी के बीच तकरार हुई थी। अब सेन ने आरोप लगाया है कि पुरी ने उनके साथ दुव्यर्वहार किया। सेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी पर गंभीर आरोप लगाए।
तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का जासूसी कांड को लेकर दिया गया बयान झूठ का पुलिंदा है। सांसद सेन के आरोप पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।