दक्षिण कोलकाता में माजेरहाट पुल के एक हिस्से के धराशायी होने की खबर चार सितंबर शाम को मिली। इस पुल के नीचे एक बस्ती थी। हाल-फिलहाल इस हादसे में दो व्यक्तियों की मौत की बात मानी गई है। 31 लोग घायल हंै। मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि मलबे में असंख्य लोगों के दबे होने का अंदेशा है। राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
दक्षिण कोलकाता का यह सबसे व्यस्त पुल है। यह हादसा शाम पौने चार से पांच के बीच हुआ। तब बारिश भी हो रही थी। हावड़ा-बेहला रवींद्रनगर रूट की मिनी बस, कई कारें और मोटर साइकिलें और पैदल चलने वालों को खासी चोटें आई। स्थानीय लोगों ने फौरी मदद की। कारों से लोगों को निकाला गया। कुछ घायलों को एसएसकेएम और कुछ को सीएमआरआई अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
याद रहे 2016 में 31 मार्च को पोस्ता इलाके में निर्माणाधीन विवेकानंद फ्लाई ओवर का एक हिस्सा ढह गया था। उसकी जंाच रपट पर अमल नहीं हुआ। सिलिगुड़ी में भी एक निर्माणाधीन फ्लाई ओवर का हिस्सा ढह गया था। राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने कोलकाता में 40 साल पुराने इस पुल के एक हिस्से के ढह जाने पर अफसोस जताया और राज्य के आला अफसरों को निर्देश दिया कि वे राज्य के सभी छोटे बड़े जि़लों के पुलों की देखरेख करें और उनकी सुरक्षा के लिए कारगर कदम उठाएं जाएं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माजेरहाट पुल हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने राज्य के मुख्यसचिव की निगरानी में जांच के आदेश जारी किए हैं। जब यह हादसा हुआ तो मुख्यमंत्री दार्जिलिंग में थीं और वहीं से उन्होंने पूरी घटना और राहत कार्यों पर नजऱ रखी। लेकिन बुधवार को ही वे लौट आईं। उन्होंने बताया कि कोलकाता नगर निगम, पुलिस, आपदा राहत प्रबंधन और दमकल के लोग राहत कार्य में जुटे रहे हैं। पूरे हादसे की विडियोग्राफी की गई है। जिस महकमें को राज्य के सभी पुलों की निगरानी, उनकी टूट-फूट मरम्मत का काम देखने की जिम्मेदारी है उसे जल्द से जल्द अपनी रपट देने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस पुल से बड़ी तादाद में लोग, आते-जाते हैं। गाडियां गुज़रती हैं। ऐसे में इस पुल का टूटना गंभीर हादसा है।
माजेरहाट पुल कमांड अस्पताल- तराताला के पास हादसे के बचाव काम में पुलिस के आने से पहले ही स्थानीय लोग राहत कार्य में जुटे। पुलिस के बड़े अधिकारी कई थानों के ओसी, सिविल डिफेंस और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की टीम भी पहुंची। पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम भी वहां पहुंचे। पुल के गिरे हुए हिस्से को हटाने के लिए पुलिस ने बीम काटने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया। चूंकि अंधेरा हो चला था इसलिए जनरेटर की रोशनी में बचाव कार्य की कोशिश की गई। बचाव कार्य के लिए पर्याप्त संख्या में लोग नहीं मिले इसलिए उसे रोका गया। दूसरे दिन फिर राहत बचाव कार्य शुरू हुआ।
बंगाल के मंत्री फिरहद हकीम जो पुल गिरने के मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा राहत कार्य और खोज का काम तेजी से चल रहा है। जब यह हादसा हुआ तो पुल पर और पुल के नीचे भी कई गाडिय़ां थी। ज़्यादातर लोगों को तत्काल गाडिय़ों से निकाल लिया गया और जो घायल थे उन्हें आस-पास के अस्पतालों में भेजा गया। राज्य आपदा टीम तत्काल पहुंची और स्थानीय लोगों ने भी काफी मदद की। दमकल की छह गाडिय़ां भी वहां तैनात थीं। राज्य सरकार ने सेना से मदद नहीं मांगी थी, फिर भी आर्मी फील्ड अस्पताल पास ही है। वहां से फौरन एक टुकडी आ गई जिससे राहत काम में काफी सहयोग मिला। आसपास ही मैट्रो का निर्माण कार्य भी चल रहा है। इस कारण क्रेन और जेसीबी लाने में भी बड़ी मुश्किल हुई। दूसरे दिन सड़कें बंद कर मलबा हटाने का काम ठीक से शुरू हुआ।
भाजपा नेता मुकुल राय ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि सरकार शहर में रख-रखाब में कोताही बरत रही है। इस हादसे की जिम्मेदार राज्य सरकार है। अभिनेत्री से नेता बनी रूपा गांगुली ने कहा कि राज्य सरकार ने हादसे के तथ्यों पर पर्दा डाल दिया है। जबकि यह बहुत दुखद घटना है।