सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को 1971 युद्ध के समय पाकिस्तान के हिरासत में लिए गए युद्ध बंदी (पीओडब्ल्यू) मेजर कंवलजीत सिंह को लेकर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने कई भारतीय सैनिक बंदी बनाए थे, जिनमें मेजर कंवलजीत शामिल थे।
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से यह जवाब तलब मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी जसबीर कौर की तरफ से दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए की है। कंवलजीत सिंह की पत्नी ने याचिका में पति की रिहाई की मांग की है। मेजर सिंह को पाकिस्तान ने 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बना लिया था।
सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने आज कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कार्रवाई का कारण पिछले 50 साल से मौजूद है। अब इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद तय की गयी है।
मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी जसबीर कौर ने याचिका में कहा गया है कि 54 युद्ध कैदी (पीओडब्ल्यू) अभी भी पाकिस्तान सरकार की अवैध हिरासत में हैं। याचिका में इन सभी युद्ध बंदियों की रिहाई की मांग की गई है।
याचिका में युद्ध बंदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए घरेलू और एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र की स्थापना की मांग भी की गई है। साथ ही इस याचिका में कैप्टन सौरभ कालिया और जाट रेजीमेंट के 4 सिपाहियों की हत्या की जांच की भी मांग उठाई गई है, जिनके शव पाकिस्तान ने लौटा दिए थे।