पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बागी तेवर दिखा रहे सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। अब उनके तृणमूल कांग्रेस छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर वह पार्टी में आना चाहते हैं तो उनके लिए दरवाजे खुले हैं। बता दें कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए आवाजाही का दौर आने वाले समय में और देखने को मिल सकता है।
ममता दीदी को सत्ता तक पहुंचाने वाले नंदीग्राम आंदोलन का चेहरा रहे अधिकारी ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा फैक्स करने के बाद राज्यपाल को ई-मेल किया। इससे पहले, अधिकारी ने बुधवार को हुगली रिवर ब्रिज कमिश्नर का चेयरमैन पद छोड़ दिया दिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने राज्य सरकार से मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा भी वापस कर दी थी। इसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
इस पर, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मंत्री का इस्तीफा शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ टीएमसी नेताओं का गुस्सा है। हालांकि उन्होंने अधिकारी के भाजपा में शामिल होने पर कुछ नहीं कहा। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी पार्टी में संगठनात्मक बदलाव से खुश नहीं थे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय को अधिकारी को मनाने का जिम्मा सौंपा गया था। अपने गृह जिले पूर्वी मिदनापुर के अलावा सुवेंदु अधिकारी का पश्चिमी मिदनापुर, बांकुड़ा, पुरुलिया और झारग्राम की करीब 35 से 40 सीटों पर खासा प्रभाव रखते हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय को अधिकारी को मनाने का जिम्मा सौंपा गया था। अपने गृह जिले पूर्वी मिदनापुर के अलावा सुवेंदु अधिकारी का पश्चिमी मिदनापुर, बांकुड़ा, पुरुलिया और झारग्राम की करीब 35 से 40 सीटों पर खासा प्रभाव रखते हैं।
इस बीच, पार्टी छोड़ने की इच्छा जता चुके टीएमसी विधायक मिहिर गोस्वामी शुक्रवार को भाजपा सांसद निशीथ प्रमाणिक के साथ दिल्ली रवाना हो गए। वे जल्द भाजपा में शामिल होंगे।
तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा, सुवेंदु ने पार्टी या विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। मुझे विश्वास है कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से उनकी मुलाकात की खबरें सरासर झूठी हैं।
तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा, सुवेंदु ने पार्टी या विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। मुझे विश्वास है कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से उनकी मुलाकात की खबरें सरासर झूठी हैं।