किसानों की मांगों को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बुधवार को पीएम मोदी से मिलने से लेकर महाराष्ट्र से जुड़ी कई हलचल के बावजूद अभी वहां सरकार गठन की तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है। पवार-मोदी मुलाकात के बाद शाम को जो दूसरी बड़ी हलचल हुई वह दिल्ली में कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच बैठक थी। अभी तक के संकेत यही हैं कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सुस्त रफ़्तार ही सही, बातचीत जारी है।
दिल्ली में शाम को कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच मुलाकात में अहमद पटेल, वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण मौजूद थे। बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा – “कांग्रेस-राकांपा के बीच विस्तृत और सकारात्मक बातचीत हुई है जो आगे भी जारी रहेगी। हमें उम्मीद है कि हम सभी जल्द ही महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने में सफल होंगे।”
सुबह जिस घटना की सबसे ज्यादा चर्चा रही, वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात थी। यह मुलाकात सूबे के किसानों को लेकर थी। पवार ने पीएम को एक पात्र सौंपा जिसमें उन्होंने दो जिलों मराठवाड़ा और विदर्भ में भारी बारिश से फसल की बर्बादी को लेकर जुटाए तथ्य साझे किये हैं। पवार कहा – ”राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है, ऐसे में आपका इस मामले में दखल देना बेहद जरूरी है। यदि आप प्रभावित किसानों की मदद के लिए कुछ त्वरित निर्णय करते हैं तो मैं आपका आभारी रहूंगा। मैं इस संबंध में और भी जानकारी इकट्ठा कर रहा हूं। आपको जल्द से जल्द भेजूंगा।”
इन दो घटनाओं से इतर एक ब्यान शिवसेना सांसद संजय राउत की तरफ से भी आया। उन्होंने कहा – ”कल (गुरुवार) तक सरकार को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। दिसंबर के पहले हफ्ते तक महाराष्ट्र में नई सरकार गठित हो जाएगी। राज्य में सबसे बड़ा दल भाजपा स्थिर सरकार नहीं दे पा रहा लिहाजा अन्य दलों पर यह जिम्मेदारी आ जाती है कि वे राज्य में एक स्थिर सरकार दें।”
उधर शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा – ”उद्धव ठाकरे ने सभी शिव सेना विधायकों को आधार कार्ड के साथ २२ नवंबर को मातोश्री बुलाया है।”