बढ़ती महंगाई के बीच सब्जियों के दामों में गिरावट आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। सब्जी विक्रेताओं ने तहलका संवाददाता को बताया कि सब्जियों के दामों में गिरावट की मुख्य वजह ये है कि अगर सब्जी को दो-चार दिन खुले में रखा जाये तो सब्जी के खराब होने की चांस ज्यादा होते है।सब्जी विक्रेता संतोष का कहना है कि नीबू के दाम लोकल सब्जी मंडियों में नीबू 160 रूपये किलो में मिल रहा है।
वहीं हरी मिर्च भी 60 रुपये किलो में मिल रही है। लौकी 30 रूपये किलों और जो भिंडी 80 रुपये किलो में मिल रही थी अब वो 60 रुपये में मिल रही है। संतोष का कहना है कि भिंडी और तुरई की इन दिनों अच्छी खासी फसल होती है। ऐसे में इन सब्जियों के दामों में गिरावट स्वाभाविक है। जिसकी वजह से सब्जियों के दाम गिरते है। सब्जी विक्रेता घनश्याम का कहना है कि सब्जियों के दामों में जो भी दाम बढ़ रहे है। वो डीजल और पेट्रोल के चलते।
उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने जमाखोरी हरी मिर्च और नींबू की है।उनको कोई खास लाभ इसलिये नहीं मिल सका क्योंकि लोगों ने नींबू और हरी मिर्च का सेवन कम कर दिया था। लोगों ने खरीददारी कम कर दी थी।
बताते चलें दिल्ली में दो बड़ी सब्जी मंडियों गाजीपुर और आजादपुर सब्जी मंडी से दिल्ली की लोकल मंडियों में सब्जी सप्लाई होती है। इन दोनों मंडियों में थोक के भाव में सब्जी के दामों में भारी गिरावट है। इन दिनों हापुड़ और हरियाणा से लौकी काफी मात्रा में आ रही है। जिससे सब्जियों के दामों में उछाल कम है।