निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के चार दोषियों को पहली फरवरी को सुबह छह बजे दी जाने वाली फांसी टल गई है। दोषियों की अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है।
अभी तक सिर्फ एक दोषी मुकेश के ही सभी कानूनी विकल्प ख़त्म हुए हैं जबकि तीन के पास अभी कुछ अवसर हैं जिससे लगता है कि फांसी में अभी भी कुछ हफ्ते लग सकते हैं। एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लंबित होने के कारण कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला किया है। क़ानून के मुताबिक एक मामले में दोषी अगर ज्यादा हों तो सभी को एक साथ ही फांसी दी जा सकती है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि चूंकि केवल एक दोषी की दया याचिका ही राष्ट्रपति के पास लंबित है, इसलिए बाकी तीन दोषियों को कल सुबह फांसी दी जा सकती है। जेल प्रशासन की दलील का विरोध करते हुए दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि नियमों के अनुसार जब एक दोषी की दया याचिका लंबित हो तो बाकी दोषियों को भी फांसी नहीं दी जा सकती।
राष्ट्रपति के पास अभी विनय शर्मा की दया याचिका लंबित है जबकि पवन गुप्ता ने उसके नाबालिग होने की याचिका को खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
अक्षय कुमार की क्यूरेटिव पिटिशन को भी सुप्रीम कोर्ट ने पहले खारिज कर दिया था। चौथा दोषी मुकेश सिंह अपने सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग कर चुका है। पवन और अक्षय के पास अभी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने और पवन के पास क्यूरेटिव पिटिशन का विकल्प बाकी है।
मौत की सजा पाए किसी भी दोषी को राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के १४ दिन बाद ही फांसी पर चढ़ाया जा सकता है। कानूनी प्रावधानों का फायदा उठाकर चारों दोषी फांसी को टालने में लगे हुए हैं और सभी एक-एक करके दया याचिका दायर कर रहे हैं। इस बीच इस फैसले के बाद निर्भया की माता ने निराशा जताई है।