संसद के मॉनसून सत्र का आज (सोमवार) तीसरा दिन हैं। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने आज भी अपनी रणनीति मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विस्तृत बयान और इस विषय पर संसद में चर्चा की मांग पर सीमित रखी साथ ही संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, ‘हम तैयार हैं। यदि 140 करोड़ लोगों का नेता संसद के बाहर बयान देता है, तो उसे संसद में भी बयान देना चाहिए जहां पूरे देश की जनता के प्रतिनिधि बैठते हैं’।
खरगे ने कहा कि, ‘हम नियम 267 के तहत सदन में बहस चाहते हैं। पर मोदी सरकार के एक मंत्री कहते हैं कि थोड़े समय की ही चर्चा होगी। वहीं दूसरा मंत्री कहता है कि केवल आधा घंटा ही चर्चा होगी। हम मानते हैं कि नियम 267 पर घंटों बहस चल सकती है, इसमें वोटिंग भी हो सकती है। और हम यही चाहते हैं’।
खरगे, जो कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि, ‘पहले पीएम मोदी जी का विस्तृत बयान हो और उसके बाद 267 के अंतर्गत संसद में बहस हो। मोदी सरकार और भाजपा मणिपुर पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग नहीं सकती’।
उधर राज्यसभा में कांग्रेस के विप नसीर हुसैन ने कामकाज निलंबित करने और मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। बता दें, आज सुबह 10 बजे ‘इंडिया’ गठबंधन की संसद के सत्र के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कमरे में बड़ी बैठक हुई। इसमें फ्लोर मैनेजमेंट को लेकर रणनीति बनाई गयी।
कांग्रेस के नेतृत्व में संसद में इंडिया गठबंधन की रणनीति यह है कि वह मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा। जहां एक तरफ इंडिया गठबंधन मणिपुर हिंसा को लेकर आज सरकार को घेरते नजर आए वहीं दूसरी तरफ संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने राजस्थान भाजपा सांसद गैर भाजपा शासित राज्यों में होने वाले अत्याचार पर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए हैं।