भले ही दिल्ली में कोरोना के कहर को रोकने के लिये दिल्ली सरकार तामाम जतन कर रही हो, रात का कर्फ्यू लगा रखा हो। फिर भी लोग कोरोना विरोधी गाईड लाईन की धज्जियां उड़ा रहे है। दिन में पार्को में बुजुर्ग और युवाओं को बिना मास्क लगाये, बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये हुये झुंड के झुंड ताश के पत्तों के साथ खेलते हुये देखा जा सकते है। यहीं है हाल रात को 10 बजें से सुबह 5 बजे तक भले ही कर्फ्यू लगा हो इस दौरान भी रात के दस बजे के बाद भी लोगों को पार्कों में टहलते , बैडमिनडन खेलते देखा जा सकता है। तहलका संवाददाता ने रात के दस बजे के बाद दिल्ली के कई पार्कों की पड़ताल की तो पता चला कि कोरोना को लेकर लोगों में ना कोई भय है और ना कोई डर। लोगों ने बताया कि सरकार तो कोरोना को लेकर राजनीति कर रही है। क्योंकि दिन में जब भीड़ होती और कोरोना बढ़ने का होने का कारण हो सकता है। तब सरकार धड़ल्लें से बाजारों को खोल रही है। रात को जब लोगों को टहलने का मौका मिलना चाहिये तब कर्फ्यू लगा रही है। जिससे लोगों में रात के कर्फ्यू का मतलब समझ में नहीं आता है। दिल्ली में रात में पार्क में खेलने वाले युवा रामू माथुर , अनुज गुसाईं ने बताया कि कोरोना की आड़ में सरकार जनता को परेशान कर रही है। ऐसे में लोग कोरोना के डर से नहीं बल्कि सरकार की बे-वजह पाबंदी से डर के कारण बीमार हो रहे है।
सबसे गंभीर बात तो ये है कि पार्कों में कोरोना गाईड लाईन की धज्जियां भले ही उड़ाई जा रही हो लेकिन रात में गश्त करती पुलिस इनको रोकती तक नहीं है।