कोरोना काल में हर वर्ग प्रभावित हुआ है। इसके बरअक्स सरकार को अपनी चमक को कायम रखने के लिए लगता है किसी भी हद की आलोचना बर्दाश्त नहीं है। वीरवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने दैनिक भास्कर के मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में दफ्तरों पर एकसाथ छापे मारे। दावा किया गया कि अधिकारियों ने दफ्तरों में मौजूद नाइट शिफ्ट के कर्मचारियों के मोबाइल और लैपटॉप अपने कब्जे में ले लिए। इस कारण अखबार में कई घंटों तक डिजिटल न्यूज का काम प्रभावित हुआ।
आयकर विभाग की यह खबर सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया में जंगल में आग की तरह फैल गई। जहां कई लोगों इसे पत्रकारिता का दमन करार दिया तो कुछ ने इसे काबू करने का तरीका तक बता डाला। सियासी पार्टियों के अलावा आम लोगों और समाज सेवा अखबार के पाठकों ने इस कार्रवाई को सच को दबाने की कोशिश बताकर इसकी निंदा की।
दैनिक भास्कर की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग की टीमों ने समाचार पत्र के जयपुर दफ्तर पर दबिश देकर पत्रकारों तक को काम करने से रोक दिया। आम तौर पर आईटी छापों में वित्तीय ट्रांजैक्शन से जुड़े विभागों की ही पड़ताल होती है, लेकिन यहां संपादकीय टीम से जुड़े दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खंगालकर पत्रकारों के काम में बाधा पहुंचाई गई।इनकम टैक्स टीम ने भास्कर के न्यूज प्रोसेस से जुड़े काम में कई घंटों तक बाधा पहुंचाई।
हालांकि इस बारे में आयकर विभाग के अधिकारियों ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है। पत्रकार संगठनों ने इसे सीधा प्रेस की आजादी पर हमला बताया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया- दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार न्यूज चैनल के कार्यालयों पर इनकम टैक्स का छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास है। मोदी सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता है, जो लोकतंत्र में सच्चाई का आईना देखना भी पसंद नहीं करती है। ऐसी कार्रवाई कर मोदी सरकार मीडिया को दबाकर संदेश देना चाहती है कि यदि गोदी मीडिया नहीं बनेंगे तो आवाज कुचल दी जाएगी।
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में व्यवस्थाओं की खामियां उजागर करने वाले दैनिक भास्कर के मध्यप्रदेश में इंदौर और भोपाल ऑफिस में आयकर ने छापा डाला। अफसरों की टीम महाराष्ट्र पासिंग बस से देर रात भोपाल के प्रेस कॉम्पलेक्स और इंदौर में एलआईजी चैराहे के पास दफ्तर पहुंची। भोपाल दफ्तर में रिपोर्टिंग-डेस्क टीम को काम करने से रोका।
संसद में गूंजा मुद्दा
मानसून सत्र में दैनिक भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स ताबड़तोड़ छापेमारी का मुद्दा विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया है। विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स विभाग के छापों का विरोध किया और नारेबाजी की। इसके बाद सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसके बाद कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन भारी हंगामे की वजह से सदन कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा में भी हंगामा हुआ, यहां फोन टैपिंग और जासूसी का मुद्दा भी उठा। इसके बाद लोकसभा को पहले 4 बजे और फिर कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। है। विपक्ष के नेता इसे प्रेस की आजादी पर हमला बता रहे हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने रेड ऑन फ्री प्रेस के हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर लिखा कि “कागज पर स्याही से सच लिखना, एक कमजोर सरकार को डराने के लिए काफी”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है. उनका संदेश साफ है- जो भाजपा सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं।ऐसी सोच बेहद खतरनाक है।सभी को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। ये छापे तुरंत बंद किए जायें और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए। वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि एजेंसियां अपना काम कर रही हैं, सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करती है।