कोविड-१९ के बीच लगे लॉकडाउन में १५ मार्च को बंद हुईं घरेलू उड़ानें करीब ७० दिन बाद घरेलू उड़ानें शुरू हो गईं। देश में कई जगह बस और ट्रेन सेवा पहले ही आंशिक रूप से शुरू हो चुकी हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया को अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में अगले १० दिन तक बीच में सवारी बैठने की मंजूरी तो दे दी है, लेकिन उसके बाद इसपर पाबंदी लग जाएगी।
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआईए) के टी-३ से तड़के पौने पांच बजे पुणे के लिए सबसे पहली उड़ान रवाना हुई। ये फ्लाइट इंडिगो की थी। एयरपोर्ट पर यात्री उड़ानें शरू होने से काफी उत्साहित थे हालांकि, कोरोना को लेकर वे बहुत चौकन्ने और थोड़ा डरे हुए भी दिखे। यहाँ यात्री रविवार देर रात से ही आने शुरू हो गए थे। हालांकि, पहले दिन करीब ८० फ्लाइट्स कैंसिल होने की भी खबर है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर पूरी तैयारियां की गयी हैं। आपसी दूरी (फिजिकल डिटेन्सिंग) का पूरा पालन हो, इसके लिए एयरपोर्ट पर जबरदस्त सुरक्षा तामझाम किये गए हैं। टर्मिनल के बाहर सुरक्षा से जुड़े लोग लगातार यात्रियों को आपसी दूरी का पालन करने की सलाह देते दिखे। यही नहीं, टी३ एयरपोर्ट पर लगातार अनाउंसमेंट भी हो रही है ताकि यात्रियों को नियमों का पालन करने के लिए कहा जा सके। सभी यात्री मास्क पहने दिखे।
आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे देश में देर रात से यात्री एयरपोर्ट यात्रियों को आना शुरू हो गए थे। यात्रियों के बैठने की जगह (लाउंज) में कुर्सियों पर एक सीट छोड़कर ही बैठने के इंतेज़ाम किए गए हैं। अभी भी आने वाले दिनों में सुरक्षा की दृष्टि से अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती आपसी दूरी का पालन करवाना ही रहेगा।
दिल्ली एयरपोर्ट पर हर दूसरे गेट पर कियोस्क (स्टाल) बनाए गए हैं जहां सैनिटाइजर, पीपीई किट्स, मास्क् जैसी चीजें उपलब्ध हैं और यात्री इन्हें खरीदते भी देखे गए। पहले चरण में २८०० उड़ानों की योजना है। दिल्ली हवाईअड्डे पर पहले दिन (सोमवार) को करीब ३८० विमानों का संचालन (टेक ऑफ और लैंडिंग) होगी।
बीच की सीट
सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत अहम फैसले में एयर इंडिया को अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के दौरान अगले १० दिन तक तो बीच की सीट पर बैठने की इजाजत दे दी है, लेकिन उसके बाद इसपर पाबंदी लगाने को कहा है। एक याचिका की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सख्त टिपण्णी की है कि सरकार को एयरलाईंस का नहीं, जनता का ध्यान रखना चाहिए। बीच की सीट में बैठने से आपसी दूरी के नियम का बिलकुल भी पालन नहीं हो पायेगा। यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने अब बॉम्बे हाईकोर्ट को आगे की सुनवाई के लिए भेज दिया है।