उत्तर प्रदेश के बागपत में रविवार को एक कार्यक्रम में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए। नए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के बीच उन्होंने कहा कि बिना जाने समझे ही किसानों का सत्यानाश हो रहा है। उन्होंने कहा, अमीर और अमीर होता जा रहा है, जबकि गरीब और गरीब।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उन्होंने कहा, इस देश में किसान बुरे हाल में है। देश का किसान जब तक असंतुष्ट रहेगा, तब तक देश आगे नहीं बढ़ेगा। मलिक ने एमएसपी को कानूनी मान्यता देने की भी वकालत की। उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं ये मसला हल हो जाए और जहां तक जरूरत पड़ेगी वहां तक जाऊंगा। उन्होंने मध्यस्थता करने का विकल्प भी खुला रखा।
उन्होंने कहा कि सिख कौम किसी भी बात को 300 साल तक याद रखती है। उन्होंने कहा, मिसेज गांधी ने ब्लू स्टार करने के बाद अपने फार्म हाउस पर महामृत्युंजय पाठ कराया था। पर वो इससे वाकिफ थी कि वे मुझे नहीं छोड़ेंगे।
अपने गृह जनपद बागपत पहुंचे राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान पर किसानों का दर्द छलक पड़ा। अपने सम्मान समारोह में मलिक ने कहा कि किसानों के मसले पर उन्होंने पीएम और गृह मंत्री को भी लिखा है, और पत्र मेंकहा है कि किसानों को दिल्ली से खाली हाथ नहीं लौटने दें, वरना अच्छा नहीं होगा।
उन्होंने बल प्रयोग या लाठीचार्ज से बचने की भी सलाह दी है।
मलिक ने कहा कि राकेश टिकैत की गिरफ्तारी का शोर मचने पर रात में मैंने फोन करके उनकी गिरफ्तारी रुकवाई थी।
बतौर राज्यपाल तीन साल में तीन राज्यों में तबादला
30 सितंबर, 2017 को सत्यपाल मलिक को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था, लेकिन एक साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें 23 अगस्त 2018 को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बना दिया गया। सत्यपल मलिक को बाद में 30 अक्टूबर 2019 को गोवा का राज्यपाल बनाया गया, फिर तबादला कर मेघालय भेज दिया गया था।