आम आदमी पार्टी -आप पार्टी- के गठन के दौरान से ही पार्टी अपनी शर्तो पर चलने की इस कदर हावी हो गई है, कि कोई भी अगर पार्टी के खिलाफ आवाज उठायें या फिर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कि विरोध में कुछ भी बोले तो आप पार्टी अपने तरीके से उसके साथ जो दुव्यर्वहार करती है वो पूरा जमाना देखता है, एक दौर ऐसा था जब पार्टी में केजरीवाल ही बोलते थे ,अब ऐसा है कि पार्टी के प्रवक्ता से लेकर पार्टी के विधायक अपने तरीके से आप पार्टी के विरोध बोलने वालों को सबक खिखाने में गुरेज नहीं करते है। पर जो भी पार्टी में हाक रहा है उसकी कांग्रेस और भाजपा ने कड़ी शब्दों में निदा ही नही ंकहीं बल्कि कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सत्ता के नशे में इस कदर चूर है कि सारी मर्यादाओं को तार -तार कर रहे है। इसी कड़ी में जो दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुआ है वो जरूर जांच का विषय है पर पार्टी की तानाशाही रवैया पूरा देश देख रहा है। बताते चले दिल्ली के मुख्यमंत्री पर ये आरोप लगता है वो जो भी पार्टी और सरकार के विरोध में बोलता है तो अरविन्द केजरीवाल उसको शक दायरे में देखते है कि ये केन्द्र सरकार का आदमी है और भाजपा नीत सरकार के इशारे पर बोल रहा है उसका ये नतीजा सामने आता है बात सुलझने की वजाये उलझती जाती है और तकरार बढ़ता जाता है जिसके कारण दिल्ली की जनता को काफी परेशानी होती है।
अब बात करते है दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की जिसकी वजह दिल्ली सरकार का काम -काज प्रभावित हुआ और पूरे देश के अफसरों में एक मैसेज गया कि अब अफसरों के साथ नेताओं की दादागिरी सामने आ रही है। मौजूदा हालात् में 56 वर्षीय दिल्ली के मुख्य सचिव अंशुप्रकाश जो 1986 बैच आईएएस अफसर है के साथ जो मारपीट वाली घटना जो सामने आयी है उससे आप पार्टी का रवैया तानाशाही वाला सामने आया है।जिस तरीके से 19 फरवरी 2018 को दिल्ली के मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री के निवास पर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की मौजूदगी में एक बैठक में आप पार्टी के विधायक अमानतुल्ल खान और विधायक प्रकाश जेरवाल ने बदसलूकी की है उसकी शिकायत मुख्य सचिव ने दिल्ली पुलिस को शिकायत में बताया कि दोनों विधायकों ने हमला किया और मारपीट की है। अंशु प्रकाश ने बताया कि सरकार से जुड़े इलेक्टनिक मीडिया से जुड़े विज्ञापनों को लेकर आप के दोनों विधायक दस कदर भड़क गये और गालीगलौज करने लगे और बंधक बनाने की बात करने लगें और धमकी देने लगे की कि एस सी एसटी एक्ट में फंसा देगेंं समझ में आ जायेगा। अंशु प्रकाश ने पुलिस शिकायत में कहा कि बड़ी मुश्किल में वे जान बचाकर भागे है।
बैठक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के अलावा आप पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल और अजय दत्त ने अपनी पुलिस रिर्पोट में कहा कि न तो जातीय एक्ट का मामला है और न ही विज्ञापन वाली कोई बात है मुख्य मामला यह है कि विधायकों ने जब दिल्ली के मुख्य सचिव से कहा कि जब से दिल्ली में आधार कार्ड लिंक हुये है तब से करीब ढाई लाख लोगों को राशन नहीं मिल पा राह है तो इसी बात को लेकर भडक गये और भनभनातें हुए मुख्य सचिव चले गये और मुख्य सचिव विधायकों को सबक सिखाने की बात कहकर चले गये। अजय दत्त ने कहा कि इन दोनों विधायकों ने कहा कि वह विधान सभा क्षैत्र में गरीबों को राशन वितरित नहीं करा पा रहे हैं इसके कारण विधायकों को क्षैत्र की जनता से शिकायतें मिल रही है।
आप पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भाऱ़द्वाज का कहना र्है कि दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ जो भी अच्छा या बुरा हुआ है वो 19 फरवरी की सीसीटीवी की फुटेज है उस फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि अंशु प्रकाश अपने गार्ड के साथ जा रहे है। रहा सवाल मारपीट का तो 20 फरवरी को ही रिर्पोट क्यों लिखवायी अंशु प्रकाश तो बड़े अफसर है उनको इतनी देर क्यों हुई है ये सारी बाते जरूर एक सोची समझी चाल की ओर इशारा करती है।दिल्ली में मचे बवाल के दौरान एक और मामला सामने आया जब दिल्ली सरकार मंत्री इमरान हुसैन और उनके पीए हिमांशु और आप पार्टी के नेता दिलीप पांडें के साथ भी दिल्ली सचिवालय में मारपीट का मामला सामने आया। जिसकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल दिल्ली पुलिस अंशु प्रकाश की शिकायत पर। दोनों विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को गिरफतार कर लिया है।
जब दिल्ली में मारपीट को लेकर सियायी मामला गर्माया हुआ था तब दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की गिरफतारी से लेकर दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग तेज हो गई थी कांग्रेस पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिये। दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जब दिल्ली में आप पार्टी की सरकार बनी है तब दिल्ली में विकास कार्य ठप्प पड़ा ह ैअब तो सरकार अपनी कमी छिपाने के लिये अफसरों के साथ मारपीट पर उतारू हो गये है। वही भाजपा के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निवास पर जमकर प्रदर्शन किया और अरविन्द केजरीवाल होश में आओं के नारे लगायें।
इस सारे मामले में भाजपा के नेता शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के पक्ष में दिखे और इशारों -इशारों में पीएनबी घोटाले से ध्यान बांटने वाली भाजपा की चाल बताया। आईएसए संध और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एस के कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार में जो भी अफसरों के साथ हो रहा है उससे दिल्ली में विकास कार्य को पलीता लगेगा। और तालमेल का अभाव दिखेगा।
आप पार्टी के नेता व राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से केन्द्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ सौतेला व्यवहार व षडय़ंत्र कर रही है उससे तो ये साफ है कि मोदी सरकार अपनी कमी छिपाने के लिये जो कर रही है वो लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री के निवास पर छापे मारे विधायकों के निवास की तलाशी हो रही है वो सब ठीक नहीं है।