राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन लागू करने का फैसला किया है। ये सिस्टम एक हफ्ते के लिए लागू किया जाएगा।
ऑड-इवन सिस्टम के तहत 13 नवंबर से 20 तक दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित वाली गाड़ियां ही सड़कों पर उतर सकेंगी। साथ ही दिल्ली में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है।
राजधानी दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार की सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के पार था। आर.के.पुरम में 466, आईटीओ में 402 पटपड़गंज में 471 और न्यू मोदी बाग में 488 एक्यूआई दर्ज किया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। खराब एर क्वालिटी की वजह से दमा और सांस के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश इत्यादि समस्याएं भी हो रही है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, “भाजपा अगर इसी समय काम कर लेती तब भी ये नौबत नहीं आती। भाजपा सरकारों के निकम्मेपन की मार दिल्ली झेल रहा है। दिल्ली सीएनजी बसें चल रहा है, लेकिन भाजपा सरकारें आज भी डीजल बस दौड़ा रही हैं। दिल्ली में जेनरेटर के सेट नहीं हैं, लेकिन पूरे उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अंदर जेनरेटर सेट के धुएं की मार दिल्ली झेल रहा है। दिल्ली में जो काम हुए हैं अगर भाजपा के लोग उतना ही काम कर दें तो उससे भी दिल्ली का काफी भला हो जाएगा।”
बता दें, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज बैठक बुलाई है। दिल्ली सरकार, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली छावनी व निजी कार्यालयों की क्षमता को 50 फीसदी करने का फैसला आज की बैठक में किया जा सकता है। साथ ही केंद्र सरकार को भी सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या आधी करने की सलाह दी जा सकती है।