स्वदेशी विमान ”तेजस” की दूसरी स्क्वाड्रन बुधवार को वायुसेना में शामिल हो गई। इस स्क्वाड्रन को ”फ्लाइंग बुलेट्स” नाम दिया गया है। इसका शुभारंभ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने किया और खुद ”तेजस” लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया गया। स्क्वाड्रन एलसीए ”तेजस” विमान से लैस है। तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है। वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को एचएएल से खरीदा है।
इस तरह भारतीय वायुसेना को तेजस लड़ाकू विमानों का नया और दूसरा स्क्वाड्रन मिल गया है। वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर वायु सेना की १८वीं स्क्वाड्रन को सौंपा। साथ ही भदौरिया ने वायु सेना स्टेशन सुलूर में ४५वीं स्क्वाड्रन के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस लड़ाकू विमान भी उड़ाया। उन्होंने एकल सीटर तेजस में उड़ान भरी।
इस स्क्वाड्रन का गठन १५ अप्रैल, १९६५ को किया गया था। यह स्क्वाड्रन अपने आदर्श वाक्य ”टेवरा और निर्भया” अर्थात ”स्विफ्ट एंड फीयरलेस” के साथ अब तक मिग-२७ विमान उड़ा रहा था। इस तरह एयरफोर्स की १८वीं स्क्वाड्रन अब हल्के लड़ाकू विमान तेजस से लैस होगी। तेजस विमान उड़ाने वाली एयरफोर्स की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी। इससे पहले ४५वीं स्क्वाड्रन ऐसा कर चुकी है।