विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज डाक्टरों ने माना है। कि पर्यावरण और जीवन एक दूसरे के पूरक है अगर एक को नजरअंदाज किया, तो दूसरे पर असर पडेगा। कोरोना काल में इस बात की पुष्टि भी हुई है। कि वायु प्रदूषण को अगर काबू किया गया होता तो काफी हद तक कोरोना जैसी महामारी पर काबू पाया जा सकता था। द अलमोनर बायोटेक डायरेक्टर डाँ जसवाल ,के.एस का कहना है कि वायु प्रदूषण देश –दुनिया में किसी महामारी से कम नहीं है। तमाम अध्यन भी इसी बात पर हो रहे है कि अगर समय रहते वायु प्रदूषण को नहीं रोका गया तो ये काफी घातक हो सकते है।डाँ जसवाल का कहना है कि एम16जस के माध्यम से कोरोना जैसी बीमारी के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एलोपैथ के साथ हमें आर्युवेद चिकित्सा पर बल देना होगा ताकि घर बैठे रोगी आसानी से इलाज कर सकें। उन्होंने बताया कि कैंसर , किडनी, हार्ट , मधुमेह, लीवर जैसी बीमारी से पीडित मरीजों को लिये तमाम शोधों व अध्ययन से एम16 जस जैसे प्रोटीन क्षारीय के माध्यम से कोरोना को हराये जाने का प्रयास किया जा रहा है । इस के लिये समय समय पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। क्योंकि कोरोना एक संक्रमित बीमारी के साथ जानलेवा घातक है। डाँ जसवाल का कहना है कि गांव –गांव में कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक लोगों को स्वस्थ्य किया जा रहा है।इंडियन हार्ट फाउण्डेशन के अध्यक्ष डाँ आर एन कालरा का कहना है कि कोरोना काल हो या आने वाली सर्दियों के दिन हो वायु प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल रहा है जिसके कारण लोगों अस्थमा और हार्ट जैसी बीमारियों के चपेट में आ रहे है। उन्होंने बताया कि सबसे दुखद पहलू तो ये है कि वायु प्रदूषण का कहर लोगों को तमाम बीमारियों की चपेट में ले रहा है। हर साल की भाँति इस साल भी 5 जून को विश्व प्रर्यावरण दिवस पर लोगों को जागऱूक करने के लिये तामाम सेमिनारों का आयोजन किया गया जिसमें तमाम डाक्टरों और प्रर्यावरणविदों ने भाग लिया।