दिल्ली के बाजारों में महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है।महगांई का जादू बरकरार है। आलम ये है कि जब देश में पेट्रोल -डीजल के दाम घटे है। तब से महंगाई की मार जस की तस है।क्योंकि जो भाड़ा बढ़ा था तब पेट्रोल -डीजल के दाम बढ़े थे ।लेकिन अब भाड़ा कम होने के बावजूद रेट कम नहीं हो रहे है ।व्यापारियों का कहना है कि अजीब सरकारी सिस्टम है । एक तरह तो महंगाई कम करने के दावे किये जा रहे है। वहीं महंगाई की मार जस की तस है।दिल्ली के व्यापारियों का कहना है कि आंकड़ों में महंगाई को कम करने का दावा भर किया जा रहा है। कुछ वस्तु में मामूली सा अंतर भर दिखाया जा रहा है। लेकिन अधिकतर वस्तु के दामों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। दिल्ली व्यापारी संघ के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता का कहना है कि दिल्ली से सारे देश में कपड़ा से लेकर खाद्य समान जाता है। लेकिन जो समान दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों में जाता है उसके रेट पहले वाले ही है। जिससे अब अन्य राज्यों में समान कम ही जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सबसे चौकाने वाली बात तो ये है कि जो किराया भाड़ा पेट्रोल -डीजल के दाम बढ़ने बढ़ाया गया था। उसको कम नहीं किया जा रहा है। अगर ट्रांसपोर्ट वालों से डीजल और पेट्रोल के दाम कम होने की बात करें तो वे तर्क देते है कि जो भाड़ा बढ़ गया तो कम हो ही नहीं सकता है।ऐसे में वस्तु के समान कैसे कम हो सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि सरकार व्यापारियों के साथ आम जनमानस को महंगाई से बचाने के लिए कोई कारगर कदम उठाए ताकि लोगों को राहत मिल सकें।