डीएमके सहयोगियों का राष्ट्रपति को ज्ञापन, तमिलनाडु के राज्यपाल को हटाया जाए, नफरत भड़काने का

तमिलनाडु में सस्तरूढ़ यूपीए के तामाम घटकों ने राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डीएमके के इन सहयोगियों ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल कथित रूप से राज्य में सांप्रदायिक नफरत भड़काने का काम कर रहे हैं। इन दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन देकर राज्यपाल तो तुरंत उनके पद से हटाने की मांग की है।

राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में यूपीए दलों ने राज्यपाल को शांति के लिए खतरा बताया है। डीएमके और सहयोगियों ने राष्ट्रपति से यह भी आरोप लगाया है कि राज्यपाल तमिलनाडु विधानसभा के पारित विधेयकों को मंजूरी देने में अनावश्यक देरी करते हैं। बता दें तमिलनाडु में करीब 20 विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए लंबित हैं।

ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल सांप्रदायिक नफरत को भड़काते हैं और वह राज्य की शांति के लिए खतरा हैं। ज्ञापन के मुताबिक राज्यपाल ने साबित कर दिया है कि वह इस संवैधानिक पद पर रहने के योग्य नहीं है। ज्ञापन में राज्यपाल को बर्खास्त करने की मांग की गयी है। उन्होंने लोगों के लिए काम करने के लिए एक लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को बाधित किया है।

डीएमके के सहयोगी दलों ने कहा है कि कुछ लोग राज्यपाल के बयानों को राजद्रोह भी मान सकते हैं, क्योंकि वह बयानों से सरकार के खिलाफ अलगाव पैदा करते हैं।
डीएमके ने इस महीने की शुरुआत में ‘समान विचारधारा वाले सभी सांसदों’ को एक पत्र लिखा था जिसमें उनसे अपील की गई थी कि ‘संविधान के खिलाफ काम करने’ के लिए आरएन रवि को राज्यपाल के पद से हटाने के प्रस्ताव का समर्थन करें।