अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मियामी कोर्ट, जहाँ वे सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स को लेकर लगे आरोपों के मामले में मियामी कोर्ट के सामने पेश हुए, में खुद को निर्दोष बताते हुए उन पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। सुनवाई के बाद उन्हें बिना शर्त कोर्ट से जाने की इजाजत मिल गई, हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति को कुछ शर्तों का पालन करने को कहा गया है।
उधर ट्रम्प ने जो बाइडेन को ‘भ्रष्ट राष्ट्रपति’ कहा है। ट्रंप को हिरासत में लिया गया था, लेकिन उन्हें बिना शर्त कोर्ट से जाने की इजाजत मिल गई। अमेरिका की सीक्रेट फाइलें घर ले जाने के मामले में ट्रंप की मंगलवार देर रात फ्लोरिडा राज्य की मियामी कोर्ट में पेशी हुई।
ट्रंप को सीक्रेट डॉक्यूमेंट केस से जुड़े 37 मामलों का सामना करने के लिए कस्टडी में लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट में ट्रंप के फिंगर प्रिंट भी रिकॉर्ड किए गए। पेशी के दौरान ट्रंप ने सभी आरोपों का सामना किया और खुद को बेगुनाह बताया।
ट्रंप के वकील टॉड ब्लैंच ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा – ‘हम निश्चित रूप से दोषी नहीं होने की दलील दे रहे हैं।’ ट्रंप पर जो आरोप लगे हैं, उनमें अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। याद रहे अमेरिकी न्याय विभाग ने ट्रंप के जो आरोप सार्वजनिक किये हैं, उनके मुताबिक इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना, परमाणु और डिफेंस सीक्रेट्स की फाइलें गलत तरीके से अपने पास रखने जैसे आरोप शामिल हैं।
सुनवाई से पहले ट्रंप ने जॉर्जिया में अपने समर्थकों से कहा कि सरकार उन्हें साजिश के तहत फंसा रही है। ट्रंप ने आरोप लगाया कि उन्हें ‘भ्रष्ट बाइडेन प्रशासन’ ने फंसाया है। उन पर ये केस अगले साल होने वाले चुनाव से प्रेरित होकर किया जा रहा है।