राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुई मूसलाधार वर्षा से एक ओर तो लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है। लेकिन वहीं शासन-प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है। आलम ये है वर्षा के दूसरे दिन मंगलवार को लोगों को वर्षा के जलभराव से परेशान नहीं होना पड़ा बल्कि जगह-जगह पेड़ के टूटे होने के कारण लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। ओर तो ओर सड़को दोनों ओर पेड़ों की टूटी डाली और जड़ से उखड़े पेड़ के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
पेड़ के टूटे होने के कारण ट्रैफिक पुलिस को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि जो पेड़ टूटे है उनको उठाना समय पर क्रेन लेना जाना वन विभाग की जिम्मेदारी बनती है। लेकिन पेड़ों को दूसरे दिन तक नहीं उठाया गया है।जो ट्रैफिक जाम का कारण बन रहा है।
ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि लोगों की संवेदनाओं का तो इस बात से पता चलता है कि जब आंधी -तूफान से जो पेड़ जिसकी कार पर गिरे है। उन्होंने तो बीमा एजेंट के बुलाने तक कारों के ऊपर से पेड़ों को तक नहीं उठाने दिया है। यानी लोगों अपना नुकसान नहीं उठाना चाहते है। चाहे जनता को कितना भी नुकसान क्यों न हो जाये।
जानकारों का कहना है कि जो पेड टूटे है उनको उठाने के लिये सरकार के पास क्रेन का अभाव है जिसके कारण दिल्ली की यातायात व्यवस्था चौपट हुई है।
तहलका संवाददाता को लोगों ने बताया कि सड़कों पर वन विभाग और ट्रैफिक पुलिस वाले आकर उठा रहे है।लेकिन जो रिहायशी इलाकों पर पेड़ टूटे है और उखड़े् है उनको कौन उटाएंगा इसको लेकर लोगों में असमंजस है जिससे रिहायशी लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है।