बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तरफ से कड़ा मुकाबला और अपने पास कोई मजबूत नेता न होने की कमी झेल रही भाजपा सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को दलबदल करवाकर अपने साथ मिलाने में जुटी है। अब केंद्र में रेल मंत्री रह चुके दिनेश त्रिवेदी ने शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। त्रिवेदी ने कुछ समय पहले राज्य सभा से इस्तीफा देते हुए टीएमसी छोड़ी थी।
त्रिवेदी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। त्रिवेदी को कभी सीएम ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता था। दिनेश त्रिवेदी आजकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी तारीफ कर रहे हैं। कुछ समय पहले टीएमसी के ही सुबेन्दु अधिकारी भी टीएमसी छोड़कर भाजपा में चले गए थे। बहुत से राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा में अब सिर्फ ‘मुख्यमंत्री का पद चाहने वाले’ नेता ही इक्कट्ठे हो रहे हैं। मुकुल रॉय भी इनमें से एक नाम है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के सभी 291 उम्मीदवारों की घोषणा कर बढ़त बना ली। यही नहीं उन्होंने भाजपा में गए सुबेन्दु अधिकारी के विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान करके भाजपा और अधिकारी दोनों को ही रक्षात्मक कर दिया। नंदीग्राम में ममता की बहुत मजबूत पकड़ है और उन्होंने नंदीग्राम से ही राजनीति के लंबी छलांग भरी थी।
टीएमसी में रहते हुए कई बड़े पदों पर रहे दिनेश त्रिवेदी ने अब भाजपा में जाकर टीएमसी को कोसा है। उन्होंने कहा कि भाजपा में हमेशा से आना चाहते थे। वैसे त्रिवेदी को जनाधार वाला नेता नहीं माना जाता, इसलिए बहुत से राजनीतिक जानकार मानते हैं कि त्रिवेदी भाजपा को कोई फायदा नहीं दे पाएंगे।
इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा – ‘त्रिवेदी जी ने वैचारिक यात्रा में सत्ता को दरकिनार करते हुए वैचारिक लड़ाई लड़ी है। भाजपा में ये ताकत है कि सभी विचारशील लोगों का पार्टी में समावेश करके देश सेवा में लगा सकती है।’