झारखंड विधानसभा का एक और विशेष सत्र आज बुलाया गया है इस सत्र में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार अपने दो पुराने वादे जिनमें पहला स्थानीयता का आधार 1932 का लैंड रिकॉर्ड और दूसरा पिछड़े वर्ग के लिए नयी आरक्षण नीति जिसमें आरक्षण सीधे 14% से 27% किया जाना है को पेश करेगी।
बता दें यह दोनों ही वादे पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस द्वारा किए गए थे। वहीं विपक्ष भले ही बहस के दौरान खामियों का उजागर कर सकती है किंतु लेकिन शायद ही कोई दल इसका विरोध करेगा।
अनुसूचित जनजाति का कोटा 26 से 28 और अनुसूचित जाति का कोटा 10 से 12 फीसदी तक किया जाना हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी का कोटा सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। यह बिल पास होने के बाद राज्य में कुल आरक्षण बढ़कर 77 फीसदी पर पहुंच जाएगा। जो कि देश में सबसे अधिक होगा।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को रामगढ़ में आयोजित ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम में कहा था कि, “11 नवंबर राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा। क्योंकि इस दिन सरकार राज्य विधानसभा में स्थानीय निवासियों के निर्धारण के लिए 1932 भूमि अभिलेख से संबंधित विधेयक पारित करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि इसी दिन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का विधेयक भी पारित किया जाएगा।“