जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाल में तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर दिए बयान के बाद कयास थे कि कहीं जेडीयू और आरजेडी का विलय तो नहीं हो रहा ! लेकिन नीतीश ने इन कयासों पर विराम लगाते हुए ऐसे होने की संभावना से इनकार किया है। बकौल नीतीश इसकी ज़रुरत नहीं है न ही इस तरह का कोई प्रस्ताव है।
नीतीश कुमार को लेकर हाल के महीनों में कई कयास लगे हैं। हालांकि, उन्होंने कर ही दिया है कि उनका हर कदम भाजपा को रोकने के लिए है। कांग्रेस में बहुत उच्च स्तर पर यह भी कहा जाता रहा है कि जेडीयू का विलय कांग्रेस में हो सकता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ही नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक रिश्ता रखने के इच्छुक रहे हैं।
चार दिन पहले जब नीतीश ने यह कहा था कि भविष्य में बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के हाथ होगा, उसके बाद यह चर्चा भी उठी कि कहीं जेडीयू और आरजेडी का विलय तो नहीं हो। रहा हालांकि, अब खुद नीतीश ने इस संभावना से इनकार कर दिया है।
विलय को लेकर चर्चाओं पर नीतीश कुमार ने विराम लगाते हुए कहा है – ‘राजद और जदयू के विलय की न तो जरूरत है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव है। हां, 2015 में जरूर इस बात पर मैं गंभीर था, लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं है।’
हाल के महीनों में नीतीश कुमार अगले आम चुनाव से पहले विपक्षी एकता के लिए भी काम करते दिखे हैं। उनके बारे में यह कहा जाता है कि वे प्रधानमंत्री पद की छह रखते हैं, हालांकि, तीन दिन पहले उन्होंने कहा था कि उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है।