दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास रविवार को हुई हिंसा में शामिल १० आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह लोग आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बताये गए हैं। दिलचस्प है कि इन १० लोगों में एक भी छात्र नहीं है। पुलिस ने इसे लेकर छापेमारी की है। उधर गृह मंत्रालय इस सम्भावना से इंकार नहीं कर रहा कि इस मामले में ”विदेशी हाथ” भी हो सकता है।
पुलिस के मुताबिक इन आरोपियों को सोमवार देर रात गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा गिरफ्तार लोगों में एक भी छात्र नहीं है। विश्वविद्यालय रविवार को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था। पुलिस पर छात्रों ने बर्बरता का आरोप लगाया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी आरोप लगाया था कि पुलिस बिना उसकी इजाजत के परिसर में घुस गयी।
यह सब संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हो जाने से हुआ था। इस हिंसा में चार डीटीसी बसें, दर्जनों निजी वाहन और कुछ पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद ही पुलिस ने विश्वविद्यालय में घुसकर कार्रवाई की। बादमें छात्रों को हाथ ऊपर उठाकर हॉस्टल से बाहर लाया गया जिसपर काफी बबाल मचा। आरोप है कि पुलिस कार्रवाई में कई छात्र घायल भी हुए।
उधर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भी रविवार को ही देर रात हुए प्रदर्शन हुआ था। इसमें तीन छात्र घायल हो गए थे। पुलिस ने २१ छात्रों को गिरफ्तार किया। फिलहाल एएमयू को ५ जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है।