केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी के साथ जम्मू-कश्मीर में दो सिख लड़कियों का कथित जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक हुई। मंगलवार को हुई इस बैठक में सिख समुदाय की जागो पार्टी के कार्यकर्ता और संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने शिरकत की।
बैठक में जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद के सदस्य चरणजीत सिंह खालसा, जागो पार्टी के प्रधान मंजीत सिंह प्रधान, भाजपा के प्रवक्ता आरपी सिंह व जागो पार्टी के अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए।
हाल ही में, कश्मीर में सिख समुदाय की दो लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन और शादी की घटना के मामले सामने आए हैं। हालांकि पाकिस्तान में हिंदू महिलाओ और बच्चो के साथ अपहरण और धर्मांतरण की घटनाएं होती रहती हैं। परंतु जम्मू कश्मीर में ऐसी घटनाओं का होना बेहद गंभीर है। इस घटना ने सबको चौंका तो दिया ही है साथ ही जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह भी लगा दिया है।
पहली घटना, कश्मीर के रेनावाड़ी की है जहां सिख समुदाय की 18 वर्ष की लड़की की शादी 62 वर्ष के बुजुर्ग के साथ जबरन करा दी गर्इ। जो की पहले से ही शादीशुदा था व उसके कर्इ बच्चे भी हैं। लड़की के परिवार ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस को बताया कि यह शादी बंदूक के बल पर कराई गई थी। पुलिसकर्मियों ने परिवार को आश्वासन दिया कि वह उनकी बेटी को 35 घंटो के भीतर उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। परंतु श्रीनगर की स्थानीय अदालत ने शादी को वैध करार दे दिया है।
दूसरी घटना, श्रीनगर की है जहां लडकी की जबरन शादी अधेड़ उम्र के व्यक्ति से कराई गई थी। और शादी के बाद से ही लड़की लापता है। भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद के सदस्य चरणजीत सिंह खालसा ने बताया, यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है ऐसी घटना पहले भी हो चुकी हैं। और गृह राज्य मंत्री से आज की बैठक में चिंता का विषय भी कश्मीर में कराए जा रहे जबरन अपहरण और धर्मांतरण का ही है। इस गंभीर विषय पर सिख समुदाय ने एलजी को पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कानून की मांग का अनुरोध किया है।
खालसा ने बताया कि जिस तरह यूपी और मध्य प्रदेश में लव-जिहाद कानून लाया गया है ठीक उसी प्रकार के कानून की मांग की गुजारिश हमने केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की है।