डीजल-पेट्रोल के दामों में कमी होने के बावजूद दिल्ली की सब्जी मंडियों में सब्जियों के दामों में जो उछाल देखा जा रहा है। लेकिन यह उछाल सब्जियों की फसल में कोई गर्मी मार की वजह से नहीं बल्कि दलालों और जमाखोरी की वजह से सब्जियों के दामों में सुनियोजित तरीके से बढ़ोतरी की जा रही है। फसल को पैदा करने के लिए पानी की जरूरत होती है जो पानी की सप्लाई डीजल और पेट्रोल से आसानी से हो रही है। ऐसे में सब्जियों के दामों में उछाल हो रहा है। उसकी वजह है जमाखोरों ने अपना फायदा लेना शुरू कर दिया है।
तहलका संवाददाता को थोक सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि मौजूदा समय में जो टमाटर के दाम और अन्य सब्जियों के दाम बढ़े है। उसके पीछे वो लोग है जो हर साल सब्जियों की जमाखोरी करके मोटा पैसा कमाते है। हालत तो ये है इन दलालों ने सीधे किसानों के खेतों में जाकर सब्जियों को खरीदना शुरू कर दिया है। जिससे छोटा और मझौला किसान अब सब्जी मंडियों तक नहीं आ पा रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में जो यमुना नदी के दोनों तरफ सरकार से जुड़े लोगों का कब्जा है। इसलिये वे भी किसी भय डर के फसल पैदा कर रहे है। और शादी-विवाह के अवसर पर सब्जियों की ज्यादा खपत देखकर अपनी फसल के दाम बढ़ा चढ़ाकर बेच रहे है।
बताते चलें, हापुड़ से दिल्ली मार्ग पर कोल्ड स्टोरेज पर जमाखोर अपने फायदे के लिये सब्जियों को जलाकर मोटा फायदा कमाने में लगे है।दिल्ली के व्यापारियों का दावा है कि सारे खेल में शासन और प्रशासन से जुड़े लोग शामिल है।