साल २०१३-१४ में कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) की जो ब्याज दर ८.७५ फीसदी थी वो घटकर अब ८.५ पर पहुँच गयी है। गुरूवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने करीब छह करोड़ अंशधारकों को बड़ा झटका दिया जब उसने यह दर पिछली ८.६५ से घटाकर ८.५० करने का ऐलान किया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में पीएफ जमा पर ब्याज दर घटाने का यह फैसला किया गया।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इस तरह वित्त वर्ष २०१९-२० के लिए पीएफ ब्याज दरों में ०.१५ फीसदी की कटौती कर दी है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने गुरूवार को यह जानकारी दी।
आंकड़ों को देखें तो नई ब्याज दर पिछले सात साल में सबसे कम है। हालांकि, वित्त वर्ष २०१२-१३ में भी एक बार इसे ८.५ किया गया था, हालांकि उसके बाद २०१३-१४ में इसे बढाकर ८.७५ फीसदी कर दिया गया था। अब ईपीएफओ अपने सदस्यों को उनकी भविष्य निधि (पीएफ) पर ८. ५ फीसदी ही ब्याज देगा।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की गुरूवार को हुई बैठक में प्रोविडेंट फंड (पीएफ) जमा पर ब्याज दर घटाने का फैसला किया गया। लॉन्ग टर्म एफडी, बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों से ईपीएफओ को मिलने वाले रिटर्न में सालभर में ५०-८० बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है और इसे ब्याज दर घटाने का बड़ा कारण माना जा रहा है। वित्त मंत्रालय भी श्रम मंत्रालय पर इस बात के लिए दबाव बना रहा था कि ईपीएफ पर ब्याज दर को सरकार की अन्य लघु बचत योजनाओं मसलन भविष्य निधि जमा (पीपीएफ) और डाकघर बचत योजनाओं के समान किया जाए।