दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में भले ही अभी 10 महीनें से कम का समय बचा है। लेकिन दिल्ली की सियासत में हलचल तेज हो गयी है। दिल्ली में कोरोना का कहर, मजदूरों का पलायन और गिरती अर्थ व्यवस्था को दिल्ली कांग्रेस भुनाने के लिये रात –दिन किये हुये है। वहीं भाजपा दिल्ली में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था के लिये दिल्ली की आप पार्टी की सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के जिम्मेदार मान रहे है। जबकि आप पार्टी का कहना है कि दिल्ली सहित पूरे देश में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था और आँक्सीजन की कमी के लिये भाजपा की केन्द्र सरकार जिम्मेदार है।
इन्ही तीनों पर पार्टियों को लेकर दिल्ली जनता ने तहलका संवाददाता को बताया कि दिल्ली में कोरोना काल में जो भी हुआ है। वो कुदरत के कहर के साथ –साथ सियासतदांनों की नाकामियों का नतीजा है। जिसके कारण दिल्ली तहस-नहस हो गयी है। दिल्ली के लोगों ने बताया कि आज जो दिल्ली के स्थानीय नेता सेवाभाव दिखा रहे है। वो आगामी एमसीडी चुनाव की आहट की वजह से है। जब दिल्ली में आँक्सीजन और बैड की कमी थी । तब कोई सियासी नेता ना तो सुनने को राजी था। ना ही मदद के लिये तैयार था। जिसके कारण लोगों काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
दिल्ली में राजनीतिक दल से जुड़े नेता रामस्वरूप मिश्रा ने बताया कि कोरोना को अगर किसी ने हराया है। तो दिल्ली की जनता ने और डाँक्टरों की कार्यकुशलता ने। जिसके कारण आज दिल्ली में लोग राहत की सांस ले रहे है। रामस्वरूप का दावा है कि अगर सियासी पार्टी चुनावी तालमेल को देखकर लोगों की सेवा करने का ढौंग करेगीं तो आने वाले दिनों में फिर से कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगेगी। क्योंकि चुनाव की तैयारी में लगे स्थानीय नेता अब कोरोना गाइड लाइन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है।