भारत के साथ तनाव के रिश्तों के बीच चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम ‘बदलकर’ इसकी सूची जारी की है। यह नाम चीन के मंत्रिमंडल की राज्य परिषद द्वारा नियमानुसार जारी किए गए भौगोलिक नामों पर आधारित हैं। भारत ने चीन की इस हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने को लेकर आई मीडिया रिपोर्ट्स पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘हमने इस तरह की रिपोर्ट देखी हैं। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, और रहेगा. ऐसे प्रयास से वास्तविकता नहीं बदलेगी।’
इसे पहले चीन ने अरुणाचल पर अपने दावे की कोशिशों के तहत राज्य के 11 स्थानों के लिए नए नामों का ‘सेट’ जारी किया है। इससे पहले भी चीन दो बार ऐसा कर चुका है। याद रहे चीन अरुणाचल प्रदेश के तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान होने का दावा करता है।
चीन के गृह मंत्रालय ने पिछले कल चीनी, तिब्बती और पिनयिन अक्षरों में नामों का सेट जारी किया, जो चीन के मंत्रिमंडल की राज्य परिषद द्वारा नियमानुसार जारी किए गए भौगोलिक नामों पर आधारित था। इस तरह की पहली दो सूचियां 2018 और 2021 में जारी की गई थीं. चीन ने पहले छह नामों की सूची जारी की थी, जबकि 2021 में उसने अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम ‘बदला’ था। भारत ने दोनों मौकों पर चीन के दावों को मजबूती से खारिज कर दिया था।
चीन के सरकारी अखबार (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली समूह के प्रकाशन) ‘द ग्लोबल टाइम्स’ के अनुसार, चीनी अधिकारी इस कदम को ‘मानकीकृत भौगोलिक नाम’ कह रहे हैं। हाल के तीन सालों में चीन-भारत सीमा पर लगातार तनाव भले दोनों देशों के बीच बातचीत भई लगातार जारी है और 15 से ज्यादा बैठकें दोनों देशों के बीच हो चुकी हैं।