ISRO ने भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक कर लिया हैं। चंद्रयान-3 के इस तीसरे मिशन में भी वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है।
यदि चंद्रयान-3 सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहा तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।
चंद्रयान-3 करीब 40 दिनों में 3.80 लाख किमी का सफर तय कर चांद पर पहुंचेगा। इस मिशन में इसरो के एक हजार से ज्यादा वैज्ञानिकों ने काम किया है।
इस चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का है। इस मिशन की मदद से चांद से जुड़ी कई अहम जानकारियां इकट्ठा करने की कोशिश में जुटा है।
चंद्रयान-3 का पूरा मिशन 45 से 50 दिन का होगा। इसरो प्रमुख ने कहा कि अगर मिशन प्लान के मुताबिक चला तो 23-24 अगस्त को लैंडर और रोवर को चांद की सतह पर उतारने की कोशिश की जाएगी। और यदि किसी भी कारम लैंडिंग में दिक्कत आई तो सितम्बर महीने में फिर से लैंड कराने की कोशिश की जाएगी।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, “जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।“