मणिपुर में पिछले ढाई महीने से चल रही कूकी और मैतेई दो जातीय समुदायों के बीच हिंसा जारी हैं। गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में बाताय कि 7 घटनाओं की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने सीबीआई और 3 केसों की आई से सिफारिश की है। 7 में से एक मामला वह है जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड कराई गई थी।
गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि 4 मई को महिलाओं को नंगा कर घुमाने समेत 7 घटनाओं की जांच सीबीआई को सौंपी गयी है। यही नहीं इन मामलों के ट्रायल को राज्य से बाहर चलाने की भी मांग की गई है।
अमित शाह ने कहा कि, “पुलिस ने दो वायरल वीडियो के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। उन वीडियो के चलते मणिपुर की व्यवस्था भंग हो रही थी और ये मामले म्यांमार के हैं, जहां 2022 में घटनाएं हुई थीं। उन्होंने बताया कि 6 मामले सीबीआई को सौंप दिए गए हैं और 7वें मामले को सौंप दिया जाएगा। मणिपुर के तीन मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी को भी सौंपे गए हैं।“
गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि वायरल वीडियो वाले केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई हैं। इसके अलावा इन केसो को ट्रायल मणिपुर से बाहर चलाए जाने की मांग की है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ही ऐसी अथॉरिटी है जो कि किसी मामले को दूसरे राज्य में चलाने की मंजूरी दे सकता है।
आपको बता दें, मणिपुर हिंसा में अबतक 147 लोगों की मौत हो चुकी है। 60 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। संसद के मानसून सत्र में विपक्ष इस मामले में पीएम मोदी से लगातार जवाब की मांग और संसद के दोनों सदनों में इसपर चर्चा की मांग कर रहा है। साथ ही कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर चर्चा की मांग के लिए अविश्वास प्रस्ताव भी दिया है।