सरहद पर तैनात जवानों को गृह मंत्रालय ने नई जिम्मेदारी देते हुए बॉर्डर एरिया में जहां उनकी तैनाती की गई है वहां के गांवों के 2000 सालों के इतिहास से जुड़ी जानकारियां जवानों को इकट्ठा करने के लिए कहा गया है। इससे सीमा पर रोजगार के अवसर बढ़ने और पलायन कम होने में मदद मिलेगी।
अधिकारी ने बताया कि, 12 जून को गृह मंत्री अमित शाह ने सेनाओं में तैनात आईपीएस अधिकारियों के साथ चिंतन शिविर किया था। गृह मंत्री ने सेनाओं को स्थानीय उत्पादों की खरीद को बढ़ावा देने को कहा था, ताकि बॉर्डर पर रोजगार के अवसर में इजाफा और पलायन कम हो।
इस दौरान अमित शाह ने सीमा पर मौजूद गांवों और आस-पास के इलाकों को लेकर भी चर्चा की थी और उनके 2 हजार सालों पुराने इतिहास के बारे में जानकारी जुटाने को कहा था। जिससे की उसे ट्रेनिंग मॉड्यूल में शामिल किया जा सके। अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे सरकार का मकसद सीमावर्ती इलाकों के बुनियादी ढांचे को विकसित करना हो सकता है।उन्होंने आगे कहा कि, जानकारी को इकट्ठा करके 23 जून तक प्रशिक्षण मुख्यालय भेज दें। इस चिंतन शिविर में सेना से जुड़े अन्य विषयों सीमा सुरक्षा, क्षमता निर्माण, कनिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन, सोशल मीडिया और कानून प्रवर्तन, केंद्र और राज्य से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्री ने कहा कि बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्टर को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता हैं