दो राज्य हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर आप पार्टी ने जिस अंदाज में राजनीतिक माहौल बनाया है। इससे तो ये लगता है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों में आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो जायेगी।
दो राज्यों के मुख्यमंत्री पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव जीतने के लिये जनता से साफ कह रहे है। कि वे राजनीति करने नहीं आ रहे है बल्कि भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आ रहे है। इन दोनों मुख्यमंत्रियों का एक सुर में कहना है कि दिल्ली में जिस तरह से भ्रष्टाचार को हटाया है और अब पंजाब से हटाया जा रहा है उसी तरह अब गुजरात और हिमाचल से हटाया जायेगा।
राजनीति के जानकार प्रमोद शर्मा का कहना है कि आप पार्टी तो उस राज्य में बढ़ेगी जहां पर कांग्रेस भाजपा के मुकाबले में है। इस लिहाज से कांग्रेस गुजरात और हिमाचल में मजबूत है। सो आप पार्टी ने कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाने के लिये अभी से कमर कस ली है।
प्रमोद शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से आप पार्टी ने फ्री की तमाम सुविधायें देकर जनता का वोट पाया है। उससे तो लगता है कि आने वाले अन्य राज्यों के चुनाव में आप फ्री की राजनीति करके कुछ चमत्कार कर सकती है। उन्होंने आगे बताया कि आप पार्टी का राजनीतिक अंदाज कुछ बदला सा है। जैसे गुजरात में धार्मिक स्थलों में जाना और साधु संतों से मिलना आदि जरूर गहरी राजनीति है। क्योंकि आप पार्टी को ये भली-भाँति मालूम है कि ध्रुवीकरण की राजनीति से बचना है तो सभी वर्ग और जाति के लोगों को साथ लेकर चलना होगा अन्यथा उनकी राजनीति ज्यादा देर तक नहीं चल सकती है। मंदिरों में और साधु संतों के पास जाकर वे हिमाचल की राजनीति को साध रहे है। क्योंकि हिमाचल साधु-संतों की धरती भी है। तभी हिमाचल को देव भूमि कहा जाता है।