खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के कर्ताधर्ता अमृतपाल सिंह, जिसे पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया था, उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। उसे वहां अकेले सेल में रखा गया है। एक महीने से ज्यादा से अमृतपाल भागता फिर रहा था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। उसे मोगा जिले के एक गुरुद्वारे के बाहर कल गिरफ्तार किया गया था ।
अमृतपाल सिंह की पुलिस 36 दिन से तलाश कर रही थी। कट्टरपंथी सिख नेता को गिरफ्तार करने के बाद उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। इस जेल में उसके 9 साथी पहले से बंद हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतपाल की जेल में पहली रात तनाव में कटी और वह काफी देर तक जागता रहा।
पिछले कल गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस एयर फोर्स के विशेष विमान से असम के मोहनबारी एयरपोर्ट ले गयी। वहां से उसे कड़ी सुरक्षा के बीच उसे डिब्रूगढ़ जेल पहुंचाया गया। रविवार दोपहर जब अमृत पाल डिब्रूगढ़ जेल पहुंचा तो सबसे पहले क़ैदियों वाले रजिस्टर में एंट्री करने के बाद उसका मेडिकल चेकअप करवाया गया।
अमृतपाल को अलग सेल में अकेले रखा गया है। अमृतपाल के जो 9 साथी वहां बंद हैं उनमे से किसी को भी अमृतपाल से मिलने की इजाजत नहीं दी गयी है। उसके यह साथी अलग-अलग सेल में हैं। जहाँ अमृतपाल सिंह को रखा गया है वहां पहले उल्फा से जुड़े खतरनाक उग्रवादियों को रखा जाता रहा है।
जेल मैनुअल के अनुसार उसे सेल के भीतर ही खाना दिया गया जो उसने खा लिया। डिब्रूगढ़ जेल में इस समय करीब 420 कैदी बंद हैं जिनमें अमृतपाल और उसके 9 साथियों समेत 10 कैदी ही ऐसे हैं, जिनके ऊपर एनएसए लगा हुआ है। अमृतपाल के पहुंचने के पहले ही जेल के अंदर और बाहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई।