विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दावा किया है कि उसके पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन के पास अधिक जानकारी है। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने चीन से कहा है कि वह इस जानकारी को जल्द से जल्द साझा करे।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अगर बीजिंग पूरा डाटा दे देता है तो हमें पता चल जाएगा कि क्या हुआ या यह (कोरोना) कैसे शुरू हुआ। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने जिनेवा में मीडिया से कहा – ‘चीन के पास जो जानकारी है, उसकी पूरा जाने बिना, कोरोना के संबंध में सभी बातें परिकल्पनाएं हैं।’
घेब्येयियस ने कहा कि कोरोना की उत्पत्ति के संबंध में यही डब्ल्यूएचओ की स्थिति है और इसलिए वह चीन से इस पर सहयोग करने के लिए कह रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजिंग के सहयोग करने से ही यह बात सामने आ पाएगी कि वास्तव में कोरोना की उत्पत्ति कैसे और कहाँ से हुई।
उधर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने मीडिया से कहा – ‘नया डेटा सुराग प्रदान करता है, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं है, जिसमें जोर देकर कहा गया है कि डेटा जनवरी और फरवरी 2020 में तीन साल से अधिक समय पहले एकत्र किया गया था जिसे बहुत पहले साझा किया जाना चाहिए था।’
केरखोव ने कहा – ‘जानकारी के बिना, उचित आकलन करने के लिए डेटा के बिना, हमारे लिए ठोस जवाब देना बहुत मुश्किल है। वर्तमान समय में, हमारे पास इस बात का कोई ठोस जवाब नहीं है कि महामारी कैसे शुरू हुई।’ हालांकि, केरखोव ने दावा किया कि ‘चीन के अविश्वसनीय वैज्ञानिकों ने कहीं अधिक अध्ययन किया है और बहुत अधिक डेटा एकत्र किया है जो खोज में प्रासंगिक हो सकता है।’