दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर जो माहौल बनाया जा रहा है। उसको लेकर दिल्ली के डॉक्टरों की अपनी-अपनी अलग राय है। कोरोना को लेकर डॉक्टरों का एक बड़े तबके का कहना है कि कोरोना एक संक्रमित बीमारी है। जो सालों साल तक रहेगी। इसका मतलब तो ये नहीं कि कोरोना को लेकर एक ऐसा माहौल बनाया जाये, जिससे लोग डर के रहे ।दिल्ली में फिर से कोरोना के नाम पर डर पैदा किया जा रहा है।
वहीं कोरोना के नाम पर डॉक्टरों के दूसरे तबके का कहना है कि कोरोना अगर फिर से बढ़ा तो कोरोना को लेकर संपूर्ण पाबंदियों को नहीं हटाया गया को कुछ पाबंदियों को लगाना होगा। जिससे कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकें।तहलका संवाददाता को एम्स के डॉ आर के सिंह का कहना है कि कोरोना अब भय व डर के साथ रहने वाली बीमारी नहीं है। सतर्क रहने वाली बीमारी है।
उनका कहना है कि देश में वैक्सीनेशन हो चुका है। लोगों की इम्युनिटी पावर बढ़ चुकी है। ऐसे में कोरोना को लेकर चिंता की बात नहीं है बस सावधान रहने की जरूरत है। उनका कहना है कि दवा , सैनिटाइजर और मास्क का बाजार जो नरम पड़ गया था उसको फिर से पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। फिर से अस्पतालों के बाहर और बाजारों के बाहर सैनिटाइजर और मास्क की दुकानें सजने लगी है।जबकि मौजूदा समय में इनकी कोई जरूरत नहीं है।
वहीं सफदरजंग अस्पताल में के डॉक्टर सुरेश कुमार का कहना है कि कोरोना को लेकर तमाम शोध पहले से हमें सचेत कर रहे है कि कोरोना की चौथी लहर जून -जुलाई में कहर बरपा सकती है। ऐसे में हमें सावधान रहने की जरूरत है।उनका कहना है कि दिल्ली में 24 घंटे में 1367 मामले सामने आये है। जबकि देश में 3303 मामले सामने है। जो हर रोज मामले बढ़ रहे है। ऐसे में कोरोना गाईड वाईन का पावन के साथ रहना होगा अन्यथा कोरोना का कहर लोगों के बीच आ सकता है।