कोरोना का कहर देश में तेजी से बढ़ने लगा है। कोरोना की अगर सबसे अधिक दुश्मनी है तो वो होली के पर्व से। दिल्ली के व्यापारियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि पिछले साल 2020 में होली के पर्व पर कोरोना के कारण ना तो बाजारों में रंगों की बिक्री हुई ना ही चाइनीज पिचकारियों की जो दिल्ली के बाजारों में होली के पर्व के 15 दिनों पहले से सजने लगती थी।
दिल्ली के व्यापारी मोहन गुप्ता का कहना है कि कोरोना के कारण देश में जान –माल का नुकसान हो रहा है। सदर बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव का कहना है कि होली का त्यौहार आते ही कोरोना का कहर लोगों के बीच कहर बनकर टूटने लगता है। बाजारों में नाम मात्र की पिचकारी बिक रही है। रंग की बिक्री भी नहीं हो रही है। लोगों में अजीब से डर है। जबकि होली के त्यौहार के पहले ही बाजारों में रौनक दिखने लगती थी।
लेकिन इस बार बाजारों में मायूसी देखने को मिल रही है। करोड़ो का नुकसान हो रहा है। दिल्ली –एनसीआर में छोटे-बड़े बाजारों में होली के सामान ना के बराबर देखने को मिल रहे है। व्यापारी जगत सेठ का कहना है कि कोरोना का कहर अगर त्यौहार पर ऐसा ही टूटता रहा तो देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के साथ –साथ देश का छोटा और मझौला व्यापारी का व्यापार जरूर चौपट हो जायेगा। वैसे ही व्यापार की हालत बिगड़ी हुई है।