देश में 12 राज्यों में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो गया है। इसके चलते देश भर में 600 से ज्यादा ट्रेन रद्द करनी पड़ी है। आने वाले समय में यह संकट और गहरा सकता है। इधर कोयले की कमी के गहराते संकट के बीच, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर चेतावनी जारी की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में बिजली की मांग में वृद्धि के बाद कोयले की जरूरत बढ़ गई है। इसके चलते रोजाना तकरीबन 16 मेल/एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रेलवे को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा है ताकि अलग-अलग जगहों पर स्थित बिजली संयंत्रों के लिए कोयला ढोने वाली ट्रेनों को अतिरिक्त ट्रैक मिल सके।
रेल मंत्रालय ने 24 मई तक यात्री ट्रेनों की करीब 670 फेरों को रद्द करने की अधिसूचना जारी की है, जिसमें से 500 से अधिक लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेन हैं।
रेलवे ने कोयले की औसत दैनिक लोडिंग 400 से ज्यादा बढ़ा दी है, जो पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है। भारतीय रेल ने मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए रोजाना 415 रेक मुहैया कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
प्रत्येक रेल में तकरीबन 3,500 टन कोयला ढोया जा सकता है। बिजली संयंत्रों में स्टॉक में सुधार और जुलाई-अगस्त में किसी भी संकट से बचने के लिए यह कवायद कम से कम दो महीने तक जारी रहेगी। बारिश शुरू होने पर अगर कोयला खनन में कमी आती है तो स्थिति पर फिर से विचार किया जाएगा।