फंड्स की कमी के कारण तीन दिन तक आपरेशन (उड़ानें) बंद रखने की घोषणा करने वाली गो फर्स्ट एयरलाइन ने बुधवार को कहा है कि उसे अमेरिकी इंजन कंपनी पीएंडडब्ल्यू इंटरनेशनल एयरो इंजन की तरफ से आपूर्ति किए गए विफल इंजनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण उड़ानें बंद करनी पड़ी हैं।
गो फर्स्ट एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि उसके बेड़े का केवल 50 प्रतिशत ही परिचालन में है क्योंकि उसे अमेरिकी फर्म प्रैट एंड व्हिटनी (पी) से अतिरिक्त इंजन नहीं मिल रहे हैं। इस बीच विमानन नियामक डीजीसीए ने सभी निर्धारित उड़ानें रद्द करने से पहले उसे सूचित नहीं करने के लिए गो फर्स्ट को नोटिस भेजा और 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एयरलाइंस को ऐसा करने से पहले नियामक को बताना होगा कि वे सभी निर्धारित उड़ानें रद्द करना चाहते हैं, अन्यथा यह नागरिक उड्डयन नियमों का उल्लंघन होगा। उधर गो फर्स्ट ने कहा कि उसे ‘पीएंडडब्ल्यू इंटरनेशनल एयरो इंजन द्वारा आपूर्ति किए गए विफल इंजनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण उड़ानें बंद करनी पड़ीं, नतीजतन गो फर्स्ट को 25 विमान (अपने एयरबस ए320 नियो बेड़े का 50 प्रतिशत) ग्राउंड करने पड़े।’
वाडिया समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन ने दिल्ली में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के समक्ष दिवालियापन के लिए भी अर्जी दायर की है। गो फर्स्ट के मुख्य कार्यकारी कौशिक खोना को उद्धत करते हुए रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है (स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए दाखिल करना) लेकिन कंपनी के हितों की रक्षा के लिए ऐसा किया जाना बेहद जरूरी था।’