दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि किसी भी शख्स को कॅरिअर में तरक्की से नहीं रोका जा सकता। हाईकोर्ट ने वायुसेना में चालक के पद पर तैनात युवक के कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का रास्ता साफ करते हुए यह टिप्पणी की।
दरअसल, हाईकोर्ट ने वायुसेना से सोनू को चालक पद से सेवामुक्त करने का आदेश दिया है, ताकि वह हरियाणा के कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति पा सके। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की पीठ ने फैसले में कहा कि वायुसेना की जिम्मेदारी है कि वह नागरिक को आगे बढ़ने में मदद करे। हर शख्स को संवैधानिक अधिकार है कि वह अपनी पसंद के अनुसार कॅरिअर में तरक्की कर सके।
पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता वायुसेना में बेशक विशेष वाहन चलाता हो, लेकिन कॉलेज में प्रोफेसर पद की समाज में अलग अहमियत व सम्मान है। सोनू ग्रुप ‘सी’ से ग्रुप ‘ए’ में अपने आपको अपग्रेड कर रहा है और यह उनके भविष्य के लिए बेहतर साबित हो सकता है।