किसानों का कहना है की अगर सरकार ने कृषि कानून को वापस नहीं लिया तो 14 दिसम्बर के बाद से ये आंदोलन देश की गली –गली में होगा, चाहे इसके लिये कुछ भी करना पड़े। किसान नेता सरदार परम सिंह ने तहलका संवाददाता को बताया कि सरकार किसानों के आंदोलन को सियासी आंदोलन बताकर देश वासियों को गुमराह कर रही है। जबकि सरकार सब कुछ जानती है कि किसानों का ये आंदोलन जायज है। फिर भी सरकार अमीरों और पूंजीपतियों के लिये काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार सोच रही है कि किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने दिया जायेगा । राज्यों की सीमाओं में ही रोक दिया जायेगा। पर ऐसा नहीं होगा। किसानों की कई योजनायें ऐसी है जिससे सरकार टकराकर चकनाचूर हो जायेगी। अब किसान गांव- गांव , शहर,शहर की गलियों में आंदोलन करेगा जिसमें जनमानस का भी साथ मिलेगा।
किसान हरिश्चन्द्र का कहना है कि जब देश का अन्नदाता जाग जायेगा तो सरकार को उखाड़ फेकेंगा। किसान देश को अन्ऩ देता है, कठिन श्रम करता है। फिर भी सरकार उसके श्रम को नजरअंदाज कर रही है। उनका कहना है कि जब गली-गली में आंदोलन गूंजेगा। तब देश की सरकार कांप ऊठेगी। कृषि कानून बिल वापस लेने को मजबूर होगी।