किसानों के बहाने साल बाद सिद्धू फिर मैदान में, मोदी सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ धरना

वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू एक साल के बाद फिर मैदान में उतरे हैं। सिद्धू ने बुधवार को अमृतसर में मोदी सरकार के कृषि बिलों का जबरदस्त विरोध करते हुए धरना दिया और प्रदर्शन में हिस्सा लिया। हाल में चर्चा दोबारा उठी है कि प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी आशा कुमारी को बदलने के बाद अब सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा दिया जा सकता है।

किसानों के मुद्दे पर सिद्धू आज अमृतसर के हाल गेट धरने पर बैठे और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कृषि बिलों के खिलाफ अमृतसर के भंडारी पुल से हाल गेट तक मार्च में हिस्सा भी लिया। उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं के अलावा किसान भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

इससे पहले सिद्धू ने ट्वीट कर मोदी सरकार के कृषि बिल्लों पर जमकर हमला किया था। सिद्दू ने पहले ट्वीट में लिखा – ‘सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही।’ जबकि दूसरे ट्वीट में सिद्धू ने कहा – किसान पंजाब की आत्मा हैं। शरीर के घाव ठीक हो जाते हैं, लेकिन आत्मा के नहीं।  हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है। युद्ध का बिगुल बजाते हुए क्रांति को जीते रहो। पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ है।’एक और ट्वीट में सिद्धू ने कहा – ‘आवाज-ए-किसान: जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हैं हमें काट खाने को।’

याद रहे इससे पहले पंजाब से अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने किसान बिलों के खिलाफ अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, इसके बावजूद उनके गृह गाँव बादल में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और हाल में एक किसान ने वहां आत्महत्या भी कर ली थी। वैसे भी पंजाब में कृषि से जुड़े बिलों, जो अब संसद से पास हो चुके हैं, का जबरदस्त विरोध है। किसान और व्यापारियों को इससे एपीएमसी मंडियां समाप्त होने की आशंका है। पंजाब कांग्रेस और सीएम अमरिंदर सिंह पहले से ही इन बिलों के सख्त खिलाफ बोल रहे थे।

वैसे पंजाब में किसान जो आंदोलन कर रहे हैं, उसमें राजनीति के लोगों को नहीं आने दे रहे। उनका कहना है कि किसान नहीं चाहते कि उनके आंदोलन को राजनीतिक हाईजैक कर लें।

सिद्दू के किसानों के मसले के बहाने एक साल बाद मैदान में उतरने से पंजाब की राजनीति में गर्मी आ गयी है। मुख्यमंत्री ने उनके महकमे बदल दिए थे, जिसके बाद सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद वे लगातार चुप बैठे हुए थे। अब जबकि राहुल गांधी के दुबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना बलवती हुई है, सिद्धू फिर सक्रिय हो गए हैं। सिद्धू को राहुल ही नहीं प्रियंका गांधी के भी बहुत करीब माने जाते हैं।

सिद्धू के दो ट्वीट –
Navjot Singh Sidhu
@sherryontopp
आवाज़-ए-किसान :-
जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमारे काट खाने को।

@sherryontopp
काले बिल पास, पूंजीपतियों की कमाई का रास्ता साफ।
किसान की राह में कांटे, पूंजीपतियों की राह में फ़ूल।
भारी पड़ेगी भूल…