सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को फटकार लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ में सहयोग करने को कहा है। साथ ही ये भी कहा है कि यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो कोर्ट को सख्ती करनी पड़ेगी। कार्ति के खातों से लेन-देन पर भी रोक लगा दी गई है हालांकि उन्हें विदेश जाने की सशर्त अनुमति दे दी गयी है जिसके लिए उन्हें रजिस्ट्री के साथ १० करोड़ रुपये जमा कराने होंगे।
गौरतलब है कि कार्ति एयरसेल-मैक्सिस केस में आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को ५ ,६, ७ और १२ मार्च को प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में पेश होने का आदेश दिया है। कार्ति के खिलाफ कई मामलों में ईडी और सीबीआई की जांच चल रही है जिनमें २००७ में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी दिलाने और २००६ में एयरसेल- मैक्सिस मामले में कथित अनियमितता और धनशोधन के मामले शामिल हैं।
साल २०१८ में सीबीआई ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। कार्ति चिदंबरम को २८ फरवरी, २०१८ को गिरफ्तार किया गया था, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर पीएमएलए यानी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
यह आरोप है कि जब उनके पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे, आईएनक्स मीडिया को २००७ में ३०५ करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने में एफआईपीबी की मंजूरी में अनियमितता की गई है।